इको पार्क के नीचे दफन हो गया नाला
शहर में सरकारी नालों की चौड़ाई 250 फीट तक है। लेकिन इन नालों को लोगों ने मिट्टी से जगह-जगह भर तो दिया ही, साथ में उसपर निर्माण भी करवा लिया है। इसकी वजह से 99 फीसदी बड़े नालों की चौड़ाई सिकुड़ गई है। आम आदमी तो आम आदमी, सरकारी नालों की गला घोटने में सरकार भी पीछे नहीं रही। यह हालत हज भवन के पीछे राजधानी वाटिका में देखने को मिला है। यहां सरकारी सरपेंटाइन नाला पटेल गोलंबर से होते हुए तारामंडल, बेली रोड होकर मंदिरी नाले में मिलता है और यहां से राजापुल होते हुए गंगा नदी में शहर का पानी भेजा जाता है। लेकिन ईको पार्क में नाले की चौड़ाई सिमट जाने की वजह से हज भवन के पास से दूसरी तरफ सचिवालय की ओर जल निकासी ही नहीं हो पा रहा है। मौके का निरीक्षण में गए नगर निगम और ब्लाक कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि बरसात के समय में राजधानी हरसाल जल जमाव से जूझती रही है। ऐसे में अगर शहर के इन नालों से मूलरूप से जल निकासी होती तो शहर को जल जमाव की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा दिया जा सकता था।
नियम विरूद्ध कवर्ड कर दिया सरकारी नाला
कौशल नगर से होकर हज भवन, ईको पार्क, सचिवालय, झउआ रोड,मल्हिनी स्लम, पंच मंदिर, तारामंडल होते हुए मंदिरी नाला में मिलने वाले सरपेंटाइन नाला का हज भवन के पास 40 फीट चौड़ाई है। लेकिन इसके आगे जहां से ईको पार्क शुरू होता है, नाले को समेटकर उसकी चौड़ाई ही कम कर दी गई है। ईको पार्क परिसर में नाले के प्रवेश प्वाइंट पर नाले को अंडरग्राउंड करते हुए उसकी चौड़ाई 5 फीट कर दिया गया है। जब इसकी भनक अतिक्रमण दस्ता को लगी तो सदर ब्लाक और नगर निगम के अफसरों ने मौके का मुआयना किया। जांच में पता चला कि राजधानी वाटिका जहां से शुरू होती है, वहां की ऊंचाई अधिक कर दी गई है। नाले का जल निकासी के लिए संप हाउस और 20 एचपी के मोटर पंप भी लगाए गए हैं। लेकिन चौड़ाई कम हो जाने की वजह से कौशलनगर की ओर से आने वाला नाला का पानी सचिवालय की तरफ सही ढंग से पहुंच ही नहीं पा रहा है।
हटाए जा रहे हैं गरीब
सरपेंटाइन नाला के किनारे बसे 237 गरीबों को चिन्हित किया गया है। इनमें कुछ लोगों को हज भवन के पास से हटाया भी गया। लेकिन इसके आगे नाले के अवरूद्ध होने की स्थिति पर अफसरों को मिली जानकारी के बाद भी संबंधित विभाग को किसी प्रकार का निर्देश जारी नहीं किया गया। लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि जिस राजधानी वाटिका की ओर से नाले की चौड़ाई कम करते हुए उसका जल निकासी अवरूद्ध किया गया, जिम्मेदार उसके खिलाफ कोई कदम उठाने के लिए तैयार नहीं हैं।
आनन-फानन में नाला निर्माण की तैयारी
जब इलाका डूब गया तो राजधानी वाटिका के जिम्मेदारों की आंख खुली। आनन-फानन में नाले से जल निकासी का रास्ता ढूढा जाने लगा। सचिवालय की ओर अंडर ग्राउंड नाला निर्माण का काम भी शुरू कर दिया गया। लेकिन इस स्थान पर ऊंचाई अधिक होने की वजह से हज भवन की ओर से जल निकासी का रास्ता भी बेपटरी हो चुका है।
-पटेल गोलंबर से राजापुल तक जाता है सरपेंटाइन नाला
-4 किमी लंबा है सरपेंटाइन नाला
-निगम के प्लानिंग मैप में 250 से 350 न फीट चौड़ा है सरकारी नाला
-इको पार्क परिसर में नाले की चौड़ाई 5 से 10 फीट
-एक किमी दूरी में है इको पार्क
-मौके पर 30 से 50 फिट भी नहीं बचा है नाले का बहाव क्षेत्र
-इलाके में है विधानसभा, न्यायाधीश और मंत्रियों के आवास
डूब गया था यह इलाका
कौशलनगर
सहगड्डी मस्जिद इलाका
सचिवालय गेट नंबर 3
ओपोलो रोड
स्टैंड रोड
इस इलाके से होती है जल निकासी
इन इलाकों से गुजरा है नाला
कौशल नगर
एयरपोर्ट, पटेल गोलंबर
विकास भवन
राजधानी वाटिका
ईको पार्क
अदालतगंज
तारामंडल
अभी शहर में नाले किनारे का अतिक्रमण हटाया जा रहा है। अगर राजधानी वाटिका ने नाले को अवरूद्ध किया है तो वहां भी उचित कार्रवाई करते हुए जल निकासी का रास्ता साफ किया जाएगा।
सीता साहू-महापौर
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