शक्तिपीठ श्री पटनदेवी में माता के तीनों स्वरूपों के होंगे दर्शन

Malay, Last updated: Thu, 23rd Jan 2020, 10:42 AM IST
करीब ढाई साल तक चले निर्माण कार्य के बाद गुलजारबाग स्थित शक्तिपीठ श्री पटनदेवी, गड़हा मंदिर को भव्य रूप दिया गया है। अब श्रद्धालु मार्बल से बने मंदिर में माता के तीनों स्वरूपों का दर्शन कर सकेंगे।...
मंदिर का निर्माण कार्य हुआ पूरा, 30 को प्रतिमाओं का नगर भ्रमण, 31 को प्राण प्रतिष्ठा, दो फरवरी को विशाल भंडारा व तीन फरवरी को माता का भव्य जागरण

करीब ढाई साल तक चले निर्माण कार्य के बाद गुलजारबाग स्थित शक्तिपीठ श्री पटनदेवी, गड़हा मंदिर को भव्य रूप दिया गया है। अब श्रद्धालु मार्बल से बने मंदिर में माता के तीनों स्वरूपों का दर्शन कर सकेंगे। इसके अलावे मंदिर परिसर की दीवारों पर भी विभिन्न देवी-देवताओं के लीलाओं की वृतचित्र उभारे गए हैं। शिवलिंग को भी आकर्षक रूप दिया जा रहा है। 

वहीं सफेद संगमरमर से तीनों गुंबद का निर्माण कराया गया है। गुंबद के नीचे बने मंदिर में मां काली, मां सरस्वती व मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित होगी। कई दशकों से इस स्थान पर बने माता के छोटे मंदिर में पूजा-अर्चना की जाती थी। जिसके पास ही गड़हा था। आयोजन समिति से जुडे़ समाजसेवी शिशिर कुमार व भरत कुमार सिंह ने बताया कि जनसहयोग से बन रहे मंदिर में अबतक डेढ़ करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। ऐसी मान्यता है कि करीब दो सौ वर्ष पहले खुदाई के दौरान तीनों महाशक्तियों की प्रतिमा जमीन के अंदर से निकली थीं। इस स्थान को शक्तिपीठ माना जाता है। यह आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है।

25 से धार्मिक अनुष्ठान, शनिवार की सुबह विशाल कलश शोभायात्रा
नवनिर्मित मंदिर में 25 जनवरी से धार्मिक अनुष्ठान शुरू होंगे। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव तथा सप्तचंडी यज्ञ को लेकर शनिवार की सुबह विशाल कलश शोभायात्रा निकाली जाएगी। 30 को प्रतिमाओं को नगर भ्रमण कराया जाएगा। 31 को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा होगी। दो फरवरी को विशाल भंडारा व तीन फरवरी को माता का भव्य जागरण आयोजित होगा। 25 जनवरी से दो फरवरी तक प्रतिदिन शाम में श्रीधाम वृंदावन से आए आचार्य हितेश दूबे देवी भागवत कथा कहेंगे। काशी के आचार्य राजेन्द्र भागर्व के सानिध्य में यज्ञ होंगे। अनुष्ठान को लेकर सौरभ कुमार उर्फ धन्नू, लक्ष्मी साव, मदन प्रसाद, विमल प्रसाद, नीतू साह समेत व्यवसायी  व युवा सक्रिय हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है।

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