ठंड में एलर्जी के खतरों से रहें दूर

Malay, Last updated: Thu, 5th Dec 2019, 12:16 PM IST
ठंड में एलर्जी आम बात है। इसके सामान्य लक्षणों में शामिल हैं- बार-बार छींक आना, नाक बहना, आंख, नाक और गले में खुजली, लेकिन ज्यादातर लोग इन लक्षणों को सामान्य सर्दी समझने की गलती कर बैठते हैं।...
प्रतीकात्मक तस्वीर

ठंड में एलर्जी आम बात है। इसके सामान्य लक्षणों में शामिल हैं- बार-बार छींक आना, नाक बहना, आंख, नाक और गले में खुजली, लेकिन ज्यादातर लोग इन लक्षणों को सामान्य सर्दी समझने की गलती कर बैठते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, दवाओं से भी एलर्जी होती है।  यहां तक कि खाद्य पदार्थों के सेवन में भी सावधानी बरतनी चाहिए।  

ठंड के मौसम में जैसे ही तापमान गिरता है,  कुछ बच्चों के शरीर पर रेशे उठ जाते हैं, उल्टी के साथ ही सांस लेने में तकलीफ शुरू हो जाती है। हालांकि ठंड के मौसम में ऐसे लक्षण बड़े लोगों में भी नजर आ सकते हैं। ठंड से बचने के लिए हर कोई व्यक्ति अधिकांश समय घर या ऑफिस में बिताता है। यही आदत एलर्जी का कारण बनती है। इसे इनडोर एलर्जी कहा जाता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड इम्यूनोलॉजी के अनुसार, इनडोर एलर्जी  के सबसे सामान्य कारण हैं - हवा में मौजूद धूल के कण, इनडोर मोल्ड (फफूंद), पालतू जानवरों की रूसी (त्वचा के गुच्छे) और कॉकरोच ड्रॉपिंग।

धूल के कण
ये गर्म और नम वातावरण में पनपते हैं तथा बिस्तर, कालीन और फर्नीचर में पाए जाते हैं।

पेट डैंड्रफ
यह मृत त्वचा के गुच्छे होते हैं जो धूल में मिल जाते हैं और बिस्तर, कालीन जैसी कई सतहों पर चिपक जाते हैं।

फफूंद 
बाहर का नम वातावरण बाथरूम और घर के ऐसे स्थान पर जहां रोशनी नहीं पहुंचती है, में फफूंद को बढ़ावा देता है।
कॉकरोच- बाहर का ठंडा मौसम कॉकरोच को घर के अंदर ले जाता है, जहां वे मुख्य रूप से रसोई की अलमारियों या सिंक के नीचे प्रजनन करना शुरू करते हैं।

ऐसे करें सर्दी और एलर्जी में फर्क 
विंटर एलर्जी तब होती है जब शरीर हिस्टामाइन नामक केमिकल रिलीज करता है। यह एलर्जी भड़कती है। ऐसा सालभर में कभी भी हो सकता है और लक्षण कई दिनों तक रह सकते हैं। 

दूसरी ओर, वायरस के अटैक के कारण भी ठंड लग सकती है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति छींकता, खांसता या बात करता है, तो ये वायरस हवा में छोटी बूंदों के माध्यम से फैलते हैं।

सर्दी की एलर्जी के लक्षण
- छींक आना, त्वचा के लाल चकत्ते
- बहती नाक, गला, कान और आंख में  खुजली ’ सांस लेने में परेशानी 
- सूखी खांसी, लगातार बुखार रहना ,बीमार महसूस करना

डॉक्टर को कब दिखाएं
यदि एलर्जी के लक्षण एक सप्ताह से अधिक समय तक रहते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करें। डॉक्टर लक्षणों के बारे में पूछेंगे और एलर्जी का टेस्ट करते हैं। जांच के ऐसे आधुनिक तरीके मौजूद हैं, जो एक ही बार में 40 से अधिक तरह की एलर्जी की जांच कर सकते हैं जैसे - धुल के कणों, पालतू जानवरों की रूसी, मोल्ड के कारण होने वाली एलर्जी।

एलर्जी से बचना है तो बरतें ये सावधानियां 
- घर के अंदर नमी को कम करने के लिए ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें। आर्द्रता का स्तर लगभग 30 से 50 फीसदी होना चाहिए।
- कपड़े, बिस्तर आदि को नियमित रूप से धोएं ताकि धूल के कण कम हो सकें।
- रोजाना वैक्यूम करें।
- अपने या पालतू जानवरों के खाने के बाद बचे हुए भोजन को हटाकर जगह को साफ रखें।
- नमी को रोकने के लिए अपने बाथरूम, तहखाने या छत में लीक को ठीक करें।
- पालतू जानवरों की रूसी को कम करने के लिए उनको सप्ताह में एक बार नहलाएं।
- खिड़कियों, दरवाजों, दीवारों या किचन की अलमारियों में दरारें भर दें, जहां कीड़े आसानी से घर बना सकते हैं।
- मोल्ड को बनने से रोकने के लिए अपनी रसोई और बाथरूम को सूखा रखें।   

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