खराब क्रेडिट स्कोर को ले जाएं 750 के पार

Malay, Last updated: Wed, 19th Jun 2019, 9:18 AM IST
अगर आपका होम या कार लोन का आवेदन बैंक ने खराब क्रेडिट स्कोर का हवाला देकर रद्द कर दिया तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप वित्तीय लेन-देन के तौर तरीकों में कुछ आसान उपायों को फॉलो कर क्रेडिट स्कोर...
प्रतीकात्मक तस्वीर

अगर आपका होम या कार लोन का आवेदन बैंक ने खराब क्रेडिट स्कोर का हवाला देकर रद्द कर दिया तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप वित्तीय लेन-देन के तौर तरीकों में कुछ आसान उपायों को फॉलो कर क्रेडिट स्कोर को 750 के पार ले जा सकते हैं।

वित्तीय विशेषज्ञों के मुताबिक, खराब क्रेडिट स्कोर को सुधारने के लिए सबसे जरूरी है अनुशासन। सबसे पहले व्यक्ति को वित्तीय रूप से अनुशासित बनना होगा। उसको क्रेडिट कार्ड का बिल, लोन की ईएमआई और दूसरी देनदारियों का भुगतान तय समय पर करने की आदत डालनी होगी। ऐसा कर वह अपने खराब क्रेडिट स्कोर को आसानी से सुधार सकता है। 

क्रेडिट स्कोर क्या
यह 300-900 अंकों के बीच प्रदान की गई वो संख्या है जो क्रेडिट ब्यूरो देता है। अच्छा स्कोर होने पर लोन लेने वाले व्यक्ति द्वारा डिफॉल्टर करने की संभावना कम होती है। आपका क्रेडिट स्कोर 700 से 750 के बीच है तो बैंक से आपको प्रतिस्पर्धी ब्याज दर पर लोन मिल सकता है। सिबिल के मुताबिक, मंजूर किए गए सभी लोन में से सिर्फ 10 फीसदी इस कैटेगरी में आते हैं। वहीं अगर आपका स्कोर 750 से 799 के बीच है तो आपको लोन लेने में ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।  

कर्ज खत्म करें, समझौता नहीं 
क्रेडिट हिस्ट्री में जिक्र होता है कि पुराने लोन आपने चुकाए हैं या उनका सेटलमेंट किया है। अगर आपने सेटलमेंट किया है, तो इसका अर्थ है कि कर्जदाता का जोखिम बढ़ जाता है। इससे आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है। आपने समय पर बैंक का लोन चुकाया है तो कर्ज मिलना आसान होगा। 

इन उपायों के जरिए बेहतर कर सकते हैं क्रेडिट स्कोर
कभी भी क्रेडिट कार्ड की बड़ी रकम का बकाया नहीं रखें। ऐसा इसलिए कि अगर आप के्रडिट कार्ड की तय लिमिट का अधिकतम इस्तेमाल करते हैं तो आपको ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाएगा जो अपने कर्ज का प्रबंधन करने में असमर्थ है। 

- ऑनलाइन या मॉल में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कम से कम करें। इससे आपको अपने ऋण के बोझ को तेजी से कम करने में मदद मिलेगी।  

- ईएमआई का बोझ आय के मुकाबले 50 प्रतिशत से अधिक नहीं करें। इससे कर्ज का प्रबंधन करना आसान होगा। 

- यूटिलिटी बिलों के भुगतान को ऑटोमेटिक करें क्योंकि उनके छूटने से आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है। 

- क्रेडिट निगरानी सेवा के लिए नामांकन करें। यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में सुधार में मदद कर सकता है और पहचान चोरी के शिकार होने की स्थिति में आपकी सहायता भी करता है।

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