गरीबों ने चेताया, भेदभाव हुआ तो फिर से करेंगे अतिक्रमण

Malay, Last updated: Wed, 19th Feb 2020, 4:21 PM IST
कमला नेहरू नाले पर अतिक्रमण हटाने के अभियान में लोगों ने पद्वापात का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सफेदपोशों के दबाव में आकर निगम टीम ने कुछ अतिक्रमणकारियों को राहत दे दी है। इससे उन सैकड़ों गरीबों...
कमला नेहरू नाले पर अतिक्रमण हटाने में स्थानीय लोगों ने लगाया गंभीर आरोप

कमला नेहरू नाले पर अतिक्रमण हटाने के अभियान में लोगों ने पद्वापात का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सफेदपोशों के दबाव में आकर निगम टीम ने कुछ अतिक्रमणकारियों को राहत दे दी है। इससे उन सैकड़ों गरीबों में नाराजगी है, जिनकी पिछले तीन दिन के अतिक्रमण अभियान में झुग्गी-झोपड़ियां तोड़ दी गई हैं। लोगों ने जिला प्रशासन और निगम को चेताया है  कि अतिक्रमण हटाने में अगर भेदभाव की नीति अपनाई गई तो लोग फिर से कब्जा जमा लेंगे। 

मंगलवार को कमला नेहरू नाले पर अतिक्रमण हटाने गई टीम ने एक जनप्रतिनिधि के फोन के बाद कुछ पक्के अतिक्रमण को छोड़ दिया। झुग्गी-झोपड़ी टूट जाने से खुले आसमान के नीचे आ चुके गरीब निगम कर्मियों के इस भेदभाव से आक्रोशित थे। उन्होंने कहा कि निगम नाले की जमीन की नापी करवाए और एक-एक अतिक्रमण को तोड़े। न्यू पटना क्लब के पीछे कमला नेहरू नाले पर कुछ लोगों ने पक्का निर्माण करवाकर कब्जा कर रखा है। ऐसे लोगों ने अपने आसपास दर्जनों झुग्गी-झोपड़ियां बनवाकर किराये पर दे रखा था। यह खेल पिछले कई सालों से चल रहा है। लोगों ने आरोप लगाया कि सरकारी नाले की जमीन पर जिन लोगों ने कब्जा दिलाकर किराये के रूप में आर्थिक दोहन किया, उनके कब्जे को छोड़ दिया गया। बता दें कि नूतन राजधानी अंचल के तहत आने वाले इस नाले पर जहां तीन दिनों से अतिक्रमण हटाया जा रहा है, वहीं कुछ दिन पहले अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी का जलजमाव मामले में निलंबन हो चुका है, जिसकी वजह से अतिक्रमण हटाने की मुहिम प्रभावित होने लगी है।

200 फीट चौड़ा है कमला नेहरू नाला
मंदिरी से शुरू होकर एयरपोर्ट की ओर जा रहे कमला नेहरू नाले की चौड़ाई 1908 के सर्वे नक्शा में 200 फीट दर्ज है, लेकिन अफसरों के भौतिक जांच में नाले का अस्तित्व बमुश्किल 20 फीट मिला। बाकी हिस्से में लोगों ने झुग्गी-झोपड़ी और पक्का आवास बनाकर कब्जा कर रखा है। कुछ लोग झोपड़ी बनवाकर गरीबों को देते थे और हजारों रुपए किराया वसूल करते थे। तीन दिन के अपने अभियान में नाले के एक तरफ करीब 30 फीट सरकारी जमीन को खाली करवाया गया, लेकिन अब भी सरकारी जमीन पर आधा से अधिक कब्जा है। 

नाले पर कोई भी अतिक्रमण नहीं छोड़ा जाएगा। अतिक्रमण चिन्हित कर उसे नाले से हटाया जाएगा। 
-कुमार रवि, डीएम पटना

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