घटतौली से जेब हो रही है ढीली
एक रियल स्टेट कंपनी में काम करने वाले अरुण कुमार पटना रेलवे स्टेशन से बाहर निकले तो सड़क किनारे बिक रहे अमरूद को देख मन ललचा गया। खुद को रोक न सके और भाव पूछ लिया। 80 रुपए प्रति किलो का भाव अमरूद विक्रेता ने बताया। लगे हाथ अरुण ने आधा किलो अमरूद तौलने को कहा। ठेले वाले ने फटाफट अमरूद तौला और दे दिया। साथ में एहसान भी जताया कि बाबूजी छह सौ ग्राम है। अरुण ने जेब से 40 रुपए दिए और चलते बने। घर जाकर जब उन्होंने अमरूद को इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन पर तौला तो हैरान रह गए। अमरूद मात्र 460 ग्राम निकला। कहां ठेले वाले ने छह सौ ग्राम तौल कर दिया था और यह मात्र 460 ग्राम निकला। अरुण अकेले नहीं हैं, रोज हजारों लोग घटतौली के शिकार हो रहे हैं। स्थायी दुकानों के साथ अस्थायी दुकानों में भी घटतौली बड़े पैमाने पर हो रही है।
सब्जी व फल खरीदने में सबसे ज्यादा चपत:सब्जी और फल बाजार में अस्थायी दुकानों की भरमार है। इन दुकानों का कोई पता-ठिकाना नहीं होता। सड़क किनारे या ठेले पर पूरा बाजार सजता है। इस तरह के बाजार शहर के हर हिस्से में सजते हैं। इन बाजारों में बाट का भरोसा नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं, इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन में भी काफी हद तक छेड़छाड़ करके घटतौली की जा रही है। शायद ही कोई व्यक्ति होगा जो रोज फल या सब्जी नहीं खरीदता होगा। इस तरह एक शख्स रोज घटतौली का शिकार हो रहा है। लेकिन इसपर शिकंजा कसने में बाट माप-तौल विभाग अबतक असफल रहा है।
सत्यापन का है नियम
बाट व माप विभाग की ओर से सत्यापन के लिए समय-समय पर कैंप लगाया जाता है। साथ ही, कार्यालय में भी सत्यापन का काम होता है। सत्यापन में मुहर लगाया जाता है। हर साल भारत सरकार के निर्देश पर यह कार्रवाई की जाती है। बाट, माप, लेंथ, मेजरिंग आदि का सत्यापन अनिवार्य है। इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन की भी जांच होती है। लेकिन बड़ी संख्या में अस्थायी व स्थायी कारोबारी सत्यापन कराते ही नहीं हैं। अस्थायी दुकानों में तो पत्थरों को बाट बना दिया जाता है।
घटतौली मिले तो यहां करें शिकायत
घटतौली की शिकायत आप 18001801551 पर कॉल कर सकते हैं। यह सुविधा सुबह छह से रात्रि 10 बजे तक है। इसके अलावा सीधे कार्यालय में भी शिकायत कर सकते हैं। नियंत्रक, विधिक माप विज्ञान, बिहार पटना, राजा बाजार, बेली रोड, पारस अस्पताल के पास सीधे संपर्क किया जा सकता है। इसके बाद टीम मौके पर पहुंचकर जांच और कार्रवाई करती है।
सात माह में पांच हजार का हुआ है सत्यापन
बाट माप विभाग के जानकार बताते हैं कि इस साल अप्रैल से लेकर अक्तूबर तक 5285 सत्यापन/ मूल्यांकन की कार्रवाई की गई है। समय-समय पर टीम बनाकर दुकानों की जांच भी की जाती है। सूत्रों की मानें तो अस्थायी दुकानों के खिलाफ कार्रवाई करने में परेशानी आती हैं। इसके लिए अधिकार सीमित हैं। अस्थायी दुकानों का सामान जब्त कर लिया जाता है। उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई नहीं हो पाती है। कारण, उसका कोई स्थायी ठिकाना नहीं रहना है।
कार्रवाई पर एक नजर
2858 दुकानों की आकस्मिक जांच हुई।
1057 को घटतौली के आरोप में नोटिस जारी हुआ।
18 के खिलाफ जब्ती की कार्रवाई की गई।
359 पर अभियोग की कार्रवाई हुई।
5285 सत्यापन/मूल्यांकन हुआ है।
16067000 रुपए राजस्व वसूली की गई है।
570000 रुपए सुलह शुल्क के रूप में वसूला गया।
191 मामले सीजीएम के यहां गया।
(ये आंकड़े एक अप्रैल से अक्तूबर 2019 तक के हैं)
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