दिमाग को कमजोर करती हैं ये गलत आदतें

Malay, Last updated: Sat, 2nd Nov 2019, 1:59 AM IST
आमतौर पर कमजोर याद्दाश्त को बुढ़ापे से जोड़कर देखा जाता है। अल्जाइमर और डिमेंशिया दो ऐसी बीमारियां हैं, जो कमजोर याद्दाश्त का कारण बनती हैं। मगर कई बार आपकी कुछ गलत आदतें भी याद्दाश्त कमजोर होने की वजह...
प्रतीकात्मक तस्वीर

आमतौर पर कमजोर याद्दाश्त को बुढ़ापे से जोड़कर देखा जाता है। अल्जाइमर और डिमेंशिया दो ऐसी बीमारियां हैं, जो कमजोर याद्दाश्त का कारण बनती हैं। मगर कई बार आपकी कुछ गलत आदतें भी याद्दाश्त कमजोर होने की वजह बन सकती हैं। 

याद्दाश्त हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कमजोर याद्दाश्त वाले लोगों को जीवन में कई चुनौतियों और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आमतौर पर हम सभी में ये आदत होती है कि वक्त के साथ हम चीजों को भूल जाते हैं। मगर संदर्भ याद दिलाने पर उस बात का दोबारा याद आ जाना आपकी अच्छी स्मरण शक्ति को दिखाता है। जबकि जिन लोगों की याद्दाश्त कमजोर होती है, उन्हें कुछ भी आसानी से याद नहीं आता है। कई गंभीर स्थितियों में व्यक्ति अपने नजदीक के संबंधियों, घर का पता, मोबाइल नंबर और नाम भी भूलने लगता है।

नाश्ता नहीं लेना
ऑफिस या स्कूल पहुंचने, जल्दी-जल्दी काम निपटाने के चक्कर में नाश्ता नहीं करने की आदत बहुत गलत है। अगर आप सुबह का नाश्ता यानी ब्रेकफास्ट छोड़ देते हैं, तो आपके दिमाग पर इसका बुरा असर पड़ता है। नाश्ता छोड़ देने से आपके शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे- मोटापा, कमजोर इम्यूनिटी, कमजोर याद्दाश्त, लो-ब्लड शुगर आदि। इन समस्याओं से बचने के लिए आपको रोज सुबह उठने के 3 घंटे के भीतर ही नाश्ता कर लेना चाहिए। आपके सुबह का नाश्ता थोड़ा भारी और प्रोटीन से भरपूर होना चाहिए ताकि आप ऊर्जा से भरे रहें। 

पर्याप्त नींद न लेना
स्वस्थ शरीर के लिए रोजाना पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है। हाल में हुए एक शोध में बताया गया है कि जो लोग 6 घंटे से कम या 9 घंटे से ज्यादा सोते हैं, उन्हें दिमाग संबंधी बीमारियों और मोटापे का खतरा ज्यादा होता है। जरूरत से ज्यादा या कम नींद के कारण मस्तिष्क की कोशिकाएं सिकुड़ने लगती हैं, जिससे आपकी याद्दाश्त कमजोर होती है। इसलिए आपको रोजाना 7-8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। 

ज्यादा मीठा खाना
मीठा खाने की लत भी आपके दिमाग के लिए खतरनाक हो सकती है। आमतौर पर मीठी चीजें सभी को पसंद होती हैं। मगर ज्यादा मात्रा में रिफाइंड शुगर का सेवन दिमाग को नुकसान पहुंचाता है। शुगर खाने से आपके शरीर में ब्लड शुगर बढ़ता है, जो मस्तिष्क की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। शोध यह भी बताते हैं कि रिफाइंड शुगर खाने वालों में डिमेंशिया और अल्जामइर का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए अगर आप ज्यादा मीठा खाते हैं, तो अपनी इस आदत पर लगाम लगाएं।

धूम्रपान करना
धूम्रपान एक ऐसी लत है, जो आपके शरीर को कई तरह से प्रभावित करती है। धूम्रपान करने से आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है और आपको सांस से जुड़ी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा धूम्रपान शरीर में 100 से भी ज्यादा प्रकार के कैंसर के खतरे को बढ़ाता है। एक शोध के अनुसार अगर आप लंबे समय तक स्मोकिंग करते हैं, तो इससे आपकी दिमाग की नसें सिकुड़ने लगती हैं और याद्दाश्त कमजोर हो जाती है।

जरूरत से ज्यादा खाना
अगर आप दोपहर या रात के खाने में जरूरत से ज्यादा खाना खा लेते हैं, तो इससे भी आपकी याद्दाश्त पर असर पड़ता है। दरअसल ज्यादा खाना खाने से आपका मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और आपको सुस्ती और आलस घेर लेते हैं, जिसके कारण दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए विशेषज्ञ मानते हैं कि आपको हमेशा अपनी भूख के बराबर या उससे थोड़ा कम ही खाना खाना चाहिए। रात का खाना सबसे हल्का और सुपाच्य होना चाहिए। 

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