अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, संक्रमण से देश में दो लाख लोगों की मौत होने की आशंका

कोरोना वायरस महामारी के कारण अमेरिका लाचार है। यहां इसके संक्रमितों की संख्या डेढ़ लाख के करीब पहुंच गई है। वहीं, इससे लगभग 2500 लोगों की जान चली गई है। महामारी के कारण न्यूयॉर्क में 9/11 जैसे हालात हैं। न्यूयॉर्क के अस्पतालों में हालात इतने भयावह हैं कि वेंटिलेटर और जीवनरक्षक उपकरण के लिए मरीजों की छंटनी हो रही है। किसे बचाना ज्यादा जरूरी है, तय किया जा रहा है। कुछ अस्पतालों में लॉटरी के जरिये वेंटिलेटर बांटे जा रहे हैं। लगातार दौड़ती एंबुलेंस 9/11 आतंकी हमले के दौर की याद दिला रही हैं।
न्यूयॉर्क में अब तक संक्रमण के 60 हजार मामले आए हैं और 1218 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप र्ने ंचता व्यक्त करते हुए कहा कि अमेरिका में अगले दो सप्ताह में कोरोना वायरस के कारण मृत्यु दर सर्वाधिक हो सकती है। उन्होंने रविवार शाम को कहा, देश में मौतों का आंकड़ा अगले दो हफ्ते में एक से दो लाख तक पहुंच सकता है। देश में सोमवार दोपहर तक 286 नए मामले मिले और छह नई मौतें सामने आईं, जिनसे कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,42,746 और 2,490 मौतें हो गई।
एक जून तक उबर जाएगा देश
इस आशंका को देखते हुए उन्होंने सामाजिक दूरी बनाने समेत कोरोना वायरस संबंधी अन्य दिशा-निर्देशों की अवधि बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दी है। रोज गार्डन में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने देशवासियों को यह आश्वासन दिया कि अमेरिका इस संकट से एक जून तक उबर जाएगा। कहा, प्रकोप से निपटने के लिए उन्होंने सामाजिक दूरी की गाइडलाइन के नियम कड़े किए हैं।
मरीजों को मलेरिया की दवाई दी
ट्रम्प ने कहा कि न्यूयॉर्क में कोरोना वायरस के 1100 मरीजों को मलेरिया की 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाई दी गई है। इस दवा से, संभवत: इस जानलेवा वायरस से निपटने में मदद मिल सकती है। यह दवाई सस्ती है और इसके कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है।
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