बर्बाद हो गए बाइक वाले: पानी में डूबीं 60 हजार बाइकें, मरम्मत में लगे 18 करोड़

Malay, Last updated: Thu, 17th Oct 2019, 1:18 PM IST
बारिश बंद हुए 15 दिन बीत गए लेकिन जलजमाव का दर्द है कि जाने का नाम ही नहीं ले रहा। अब लोगों की जिंदगियां पटरी पर आईं तो लोगों ने अपने वाहन बनवाना शुरू किए। कोई बाइक को सर्विस सेंटर पर डालने पहुंचा तो...
कुछ इस तरह सभी सर्विस सेंटरों पर लगी है बाइकों की कतार। पांच सात दिनों तक करना पड़ रहा इंतजार।

बारिश बंद हुए 15 दिन बीत गए लेकिन जलजमाव का दर्द है कि जाने का नाम ही नहीं ले रहा। अब लोगों की जिंदगियां पटरी पर आईं तो लोगों ने अपने वाहन बनवाना शुरू किए। कोई बाइक को सर्विस सेंटर पर डालने पहुंचा तो कोई कार को। बाइक वालों को एक लंबा चौड़ा बिल और सात दिन बाद आने का समय देकर वापस कर दिया गया। कार वालों को तो दो महीने बाद का समय मिल रहा है। हालात यह हैं कि शहर के हर अधिकृत सर्विस सेंटर पर बाइकें भरी पड़ी हैं, उसके बावजूद हर दिन 500 गाड़ियां मरम्मत के लिए आज भी आ रही हैं। पानी में लगातार खड़ी रहने के बाद धूप लगने से कुछ गाड़ियों की हालत तो इतनी खराब हो गई है कि इंजन तक बदलने पड़ रहे हैं। ऐसे वाहनों में 20 हजार रुपए तक खर्च मरम्मत में आ रहा है।  सर्विस सेंटर पर आया हर आदमी का दिल रो रहा है। खर्च सुन उसके होश उड़ जा रहे हैं, लेकिन मजबूर है क्योंकि कई घरों का चूल्हा तब ही जलता है जब बाइक दौड़ती है। 

गई बाइक पानी में 
अलंकार होंडा के सर्विस हेड अनिल राज ने बताया कि पिछले 15 दिन से सर्विस सेंटर गाड़ियों से भरा पड़ा है। दिन रात मैकेनिक काम कर रहे हैं, फिर पांच से सात दिन की वेटिंग चल रही है। सबसे अधिक नुकसान स्कूटी में हुआ है। इंजन में पानी जाने के कारण वक्त और पैसा दोनों अधिक लग रहा है।

पाटलिपुत्र के रहने वाले अमर कुमार ने बताया कि बाइक सुधरवाने में पांच हजार रुपए लग गए। बाइक का बीमा है, लेकिन पैसे तो अभी जेब से देने पड़े। बाद में बीमा कंपनी देगी, तब तक तो दिवाली बीत जाएगी। हमारी कॉलोनी में हर घर में एक-दो बाइक खराब हो गई हंै। कई ऐसे हैं, जिन्होंने बनवाने के बजाय बाइक को कबाड़ में बेच दिया।

नहीं था बीमा, लग गए पैसे
जलजमाव में डूबी बाइकों में 50 प्रतिशत से अधिक का थर्ड पार्टी बीमा था। इस कारण से बीमा कंपनी का कोई क्लेम ही नहीं मिल सका है। वाहन स्वामियों को खुद पैसा खर्च कर मरम्मत करानी पड़ी। बीमा कंपनी से जुड़ी अंजलि का कहना है कि जिन गाड़ियों का पूर्ण बीमा था उन्हें पूरा पैसा वापस मिल जाएगा। 

तीन श्रेणियों में बांटकर हो रही मरम्मत
अलंकार ऑटो सेल्स एंड सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के वर्क्स मैनेजर सुबोध का कहना है कि कार को तीन श्रेणियों में बांट सर्विस हो रही है। ए में पहिये से ऊपर पानी वाली गाड़ी, बी में डैस बोर्ड तक डूबी और सी में पूरी तरह डूबी गाड़ियां हैं। ए-बी श्रेणी वाली जल्द ठीक हो रही है लेकिन सी में तीन माह का समय लग रहा है। 

एक गलती ने कर दिया वाहनों को बर्बाद
एक गलती के कारण लोगों को अधिक नुकसान हुआ। दोपहिया वाहनों के कारीगर जग्गू बताते हैं कि पानी में खड़ी बाइक को बिना चालू किए ही सर्विस सेंटर पर लाते तो नुकसान कम होता। सभी ने बाइक चालू करने की कोशिश की, जिसके कारण इंजन में भी पानी चला गया और खर्चा 10 गुना बढ़ गया। खुशबू मोटर वर्कशाप के जय प्रकाश का कहना है कि कार के इंजन में पानी जाने से पूरा इलेक्ट्रानिक सिस्टम बैठ जाता है। ऐसी गाड़ियों को बनाने में 50 हजार रुपए से अधिक खर्च आता है।  

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