स्कूल खुलते ही शहर हुआ जाम
44 दिन बाद स्कूल खुले तो एक साथ करीब 10 हजार स्कूली वाहन सड़कों पर लौट आए। यातायात पुलिस इन वाहनों के लिए तैयार ही नहीं थी। आलम यह हुआ कि दोपहर 11 बजे के बाद शहर की हर मुख्य सड़क जाम हो गई। बोरिंग रोड से लेकर आयकर गोलंबर तक जाम लग गया। लोगों ने गलियों से निकलना चाहा तो वहां भी रास्ते जाम हो गए। आधा किमी का सफर तय करने में लोगों को करीब एक घंटा लग गया। शाम 4 बजे के बाद स्थिति सामान्य हुई।
सोमवार को करीब डेढ़ महीने बाद स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां खत्म हुई। शहर के पांच हजार निजी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब एक लाख छात्र-छात्राएं एक बार फिर स्कूल के लिए रवाना हुए। सुबह 6 बजे जब करीब 10 हजार स्कूली वाहन एक साथ निकले तो कई सड़कें जाम हो गईं। हालांकि उस समय स्थिति बदतर नहीं हुई। सुबह 11 बजे जब छोटी कक्षाओं की छुट्टी का समय हुआ तब कार्यालय जाने वाले वाहनों का दबाव सड़कों पर बढ़ चुका था। कई दिनों बाद अचानक से स्कूली वाहन सड़क पर आए तो हर जगह जाम लग गया। यह जाम जारी ही था कि 12:30 बजे कई स्कूलों के बड़ी कक्षाओ ंके बच्चों को लेकर स्कूली बसें भी निकल पड़ीं। देखते ही देखते पूरा शहर जाम हो गया। जहां स्कूली बसों में फंसे बच्चे गर्मी से परेशान थे, वहीं जाम में फंसे बाइक सवारों के पसीने छूट गए। पहले ही दिन हजारों बच्चे तीन-चार घंटे का रास्ता तय कर शाम को चार बजे अपने घर पहुंच पाए, वहीं जाम में फंसे कई लोगों की ट्रेन और बस भी छूटी।
इसलिए लगा जाम
होना था यह
- डीटीओ ने स्कूली वाहनों को स्कूल परिसर में रखने का निर्देश दिया है।
- डीएम ने स्कूलों में छुट्टी का अंतराल रखने का निर्देश दे रखा है।
- हर चौराहे पर यातायात पुलिस की तैनाती होनी चाहिए।
- निजी स्कूलों में बच्चे महज तीन किलोमीटर की दूरी से ही पढ़ने आएं।
हुआ यह
- स्कूली वाहन बाहर सड़क पर ही खड़े रहते हैं।
- 90 प्रतिशत स्कूल एक साथ कर देते हैं छुट्टी
- किसी भी चौराहे पर नहीं दिखी यातायात पुलिस
- 15-20 किमी की दूरी तय कर पढ़ते हैं बच्चे
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