कोविड 19 मुआवजे में देरी पर SC की नीतीश सरकार को फटकार, मुख्य सचिव की पेशी होगी

Shubham Bajpai, Last updated: Wed, 19th Jan 2022, 2:13 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना काल में मृतक के परिजनों को सहायता राशि के भुगतान में देरी को लेकर नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने भुगतान की देरी को लेकर बिहार की नीतीश सरकार के साथ आंध्र प्रदेश की सरकाहर को भी फटकार लगाई. कोर्ट ने इन राज्यों के मुख्य सचिव को वर्चुअली कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए.
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

नयी दिल्ली (वार्ता). सुप्रीम कोर्ट कोरोना काल में मृतक के परिजनों को मुआवजा देने के मामले को लेकर सख्त हो गया है. कोर्ट ने कोरोना काल में कोरोना काल पीड़ितों के परिवारों को सहायता राशि के देरी से भुगतान को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए बिहार की नीतीश सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार के मामलों में राज्य और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से मदद लेने का संकेत दिया.

न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि पीड़ित परिवारों को सहायाता राशि देने में देरी के खिलाफ बार-बार आदेश देने के बावजूद संबंधित अधिकारी उसके निर्देशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

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पीठ ने कहा कि चूंकि कई राज्यों में कोरोना से हुई मौत के मामले में दायर दावों की संख्या आधिकारिक मौतों से कम है. ऐसा लगता है कि कई सरकारें सक्रिय कदम नहीं उठा रही हैं. इस हालात में हमें पीड़ितों को सहायता राशि दिलाने के लिए राज्य और जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण की मदद लेनी पड़ सकती है.

पीठ ने बिहार की नीतीश सरकार के साथ आंध्र प्रदेश के रवैए पर खासी नाराजगी व्यक्त की तथा उनके मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत तौर पर बुधवार दोपहर 02 बजे (वर्चुअल माध्यम से) पेश होने का निर्देश दिया.

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता गौरव बंसल की याचिका पर सुनवाई करते कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार को कोविड-19 मुआवजे के लिए 36,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, लेकिन अब तक केवल 11,000 आवेदकों को ही सहायता राशिक का भुगतान किया गया है.

पीठ ने आंध्र प्रदेश के वकील से कहा कि वह मुख्य सचिव को दोपहर दो बजे पेश होने के लिए सूचित कर दें. अदालत ने यह भी कहा है कि साथ ही यह भी बताएं कि अधिकारी के खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही क्यों शुरू नहीं की जानी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में सिर्फ 12,000 लोगों की मौत कोरोना से होने की सूचना पर हैरानी जताई. पीठ ने कहा कि बिहार को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में हमारे आदेश के बाद संख्या बढ़ी है. हम वास्तविक तथ्य चाहते हैं. पीठ ने बिहार सरकार के वकील से कहा कि वह राज्य के मुख्य सचिव को उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहें.

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