अवैध खनन आरोप में हटाए गए अधिकारी को सौंप दी गई बालू की रखवाली, अभी जांच भी जारी

Smart News Team, Last updated: Fri, 23rd Jul 2021, 10:23 AM IST
  • आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिन चार अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) को फील्ड से हटाया गया था उसमें डेहरी-ऑन-सोन के एसडीपीओ भी शामिल थे. उनकी जगह पुलिस मुख्यालय ने विनोद कुमार राउत को वहां का नया एसडीपीओ बनाया है जबकि उनके खिलाफ पहले से निगरानी जांच चल रही है.
एसडीपीओ विनोद कुमार राउत के खिलाफ पहले से निगरानी जांच चल रही है. (प्रतिकात्मक फोटो)

पटना. अवैध बालू खनन में हटाए गए अफसरों का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि उनकी जगह नई तैनाती विवादों में आ गया है. दरअसल, आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिन चार अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) को फील्ड से हटाया गया था उसमें डेहरी-ऑन-सोन के एसडीपीओ भी शामिल थे. उनकी जगह पुलिस मुख्यालय ने विनोद कुमार राउत को वहां का नया एसडीपीओ बनाया है जबकि उनके खिलाफ पहले से निगरानी जांच चल रही है.

सब-इंस्पेक्टर से प्रोन्नति के जरिए डीएसपी बने विनोद कुमार राउत बिहार आने के पहले झारखंड में भी तैनात रहे थे. धनबाद जिले के तोपचाची के थानेदार रहते उनपर गंभीर आरोप लगे थे और वह विवादों में भी घिरे थे. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में विनोद कुमार राउत के खिलाफ जो जांच चल रही है वह मामला पांच साल पहले का है. तब वह जमुई के झाझा अनुमंडल के एसडीपीओ के पद पर तैनात थे. उनके खिलाफ शिकायत प्राप्त होने के बाद गृह विभाग ने जांच का आदेश दिया था. झाझा एसडीपीओ के पद से हटाते हुए उनका तबादला विशेष शाखा में किया गया था.

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बालू के अवैध खनन में पुलिस के अलावा विभिन्न विभागों से जुड़े 41 अधिकारियों पर गाज गिरी है. इनमें भोजपुर व औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी, पालीगंज, डेहरी ऑन सोन, आरा और औरंगाबाद सदर के एसडीपीओ भी शामिल थे. इन्हीं चार जगहों पर एसडीपीओ की तैनाती पुलिस मुख्यालय द्वारा 18 जुलाई को की गई है जिसमें डेहरी का एसडीपीओ विनोद कुमार राउत को बनाया गया है. इनके खिलाफ निगरानी जांच के संबंध में पुलिस मुख्यालय का पक्ष लेने का प्रयास किया गया पर अधिकारियों ने इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

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