तख्त श्री पटना साहिब के मुख्य ग्रंथी राजेंद्र सिंह का इलाज के दौरान निधन, PMCH में थे भर्ती

Haimendra Singh, Last updated: Mon, 17th Jan 2022, 8:56 PM IST
  • तख्त श्री हरमंदिर जी, पटना साहिब मुख्य ग्रंथी राजेंद्र सिंह का सोमवार को पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल(PMCH) में निधन हो गया है. 13 जनवरी को जख्मी हालत में मिलने के बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.
तख्त श्री पटना साहिब के मुख्य ग्रंथी राजेंद्र सिंह.( फाइल फोटो )

पटना. तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के मुख्य ग्रंथी राजेंद्र सिंह का सोमवार को पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल(पीएमसीएच) में निधन हो गया. वह 70 वर्ष के थें. पटना पुलिस ने 13 जनवरी को मुख्य ग्रंथी राजेंद्र सिंह को अस्तताल में भर्ती कराया था. जानकारी के अनुसार, गले का ट्रेकिया कटने के बाद अपने घर पर बेहोश मिले थे. निधन के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. पोस्टमार्टम के बाद सोमवार की दोपहर को उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए पटना साहिब लाया जाएगा. 

घर में बेहोश की हालत में मिलने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई थी. घटना के बाद पुलिस इस बिंदु पर छानबीन कर रही थी कि उन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया है या फिर किसी ने साजिश के तहत उन पर हमला किया था. डॉक्टरों के अनुसार, पीएमसीएच में इलाज के दौरान उनकी हालत में तेजी से सुधार हो रहा था, लेकिन उनकी निधन की खबर ने सबको चौंका दिया हैं.

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तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब का इतिहास

श्री हरमंदिर साहिब या पटना साहिब सिखों के 10वें और आखिरी गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्मस्थल हैं. गुरु गोबिंद सिंह का जन्म 26 दिसम्बर 1666 को हुआ था. उनके बचपन का नाम गोबिंद राय था. महाराजा रंजीत सिंह ने इस स्थान पर गुरुद्वारा बनवाया था. इस प्रसिद्ध और एतिहासिक गुरुद्वारे में गुरु गोबिंद सिंह की कृपाण, उनकी खड़ाऊं और कंघा विराजमान है. इस गुरुद्वारे को तख्त श्री पटना साहिब भी कहा जाता है. 

परिजनों ने कराया नेत्रदान

मुख्यग्रंथी भाई राजेन्द्र सिंह के निधन के बाद परिजनों की सहमति से पीएमसीएच में उनकी दोनों आंखें दान की गयीं. वे मरकर भी अमर हो गए. दधिचि देहदान समिति के सदस्य संजीव यादव की पहल पर पीएमसीएच के नेत्र अधिकोष की टीम की चिकित्सकों द्वारा नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की गयी. मुख्यग्रंथी की आंख से दो लोगों को नेत्र ज्योति मिलेगी.

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