खत्म नहीं हो रही लालू के बेटों की रार, कभी तेजप्रताप के करीबी रहे सृजन स्वराज हुए तेजस्वी के साथ

Shubham Bajpai, Last updated: Sun, 10th Oct 2021, 2:19 PM IST
  • तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव एक-दूसरे को कमजोर करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. अब तेजस्वी ने तेजप्रताप के करीबी माने जाने वाले सृजन स्वराज को अपनी ओर करते हुए युवा राजद का उपाध्यक्ष बना दिया है. इससे पहले स्वराज छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष थे, जिन्हें तेज प्रताप ने ही पदमुक्त किया था.
खत्म नहीं हो रही लालू के बेटों की रार, कभी तेजप्रताप के करीबी रहे सृजन स्वराज हुए तेजस्वी के साथ

पटना. बिहार के सबसे बड़ी राजनीतिक परिवार में वर्चस्व की लड़ाई चरम पर है. राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद के दोनों बेटे आरजेडी नेता तेजप्रताप और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है. जहां तेजप्रताप ने स्टार प्रचार की लिस्ट में मां राबड़ी देवी और बहन मीसा भारती का नाम न होने पर तेजस्वी पर निशाना साधा था. वहीं, अब तेजस्वी ने तेजप्रताप के बेहद करीब रहे सृजन स्वराज को युवा राजद का प्रदेश उपाध्यक्ष बनवाकर अपने साथ कर लिया. 

बता दें कि इससे पहले भी तेजप्रताप के करीबी आकाश यादव को छात्र राजद के पद से बर्खास्त किया गया था. जिसके बाद से ही यह विवाद शुरू हुआ था. 

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तेजप्रताप ने इकाई भंग करके सृजन को छात्र राजद के पद से हटाया था

सृजन 2019 में चुनाव जीतकर छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष बने थे. जिसके बाद वो तेजप्रताप के काफी करीबियों में गिने जाने लगे. अचानक तेजप्रताप ने एक दिन प्रदेश छात्र राजद की इकाई को भंग कर दिया. जिससे सृजन से प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी उनसे छीन किसी और को दे दी गई. जिसके बाद सृजन तेजप्रताप से दूर हो गए, हालांकि वो पार्टी में सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर काम करते रहे.

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बता दें कि दोनों भाइयों में विवाद की मुख्य वजह लालू प्रसाद का नवंबर में बतौर पार्टी अध्यक्ष के पद से कार्यकाल खत्म होना है. क्योंकि माना जा रहा है कि स्वास्थ्य खराब होने की वजह से लालू प्रसाद अध्यक्ष पद पर काम नहीं करेंगे. उनके स्थान पर अध्यक्ष पद की दावेदारी को लेकर ही दोनों भाइयों में घमासान मचा हुआ है. इससे पहले तेजप्रताप लालू प्रसाद को दिल्ली में कैदी बनाने का बिना नाम लिए तेजस्वी पर आरोप लगा चुके हैं. जिसके बाद अभी बिहार में होने वाले उपचुनाव की स्टार प्रचारक की लिस्ट में तेजप्रताप का नाम गायब होने के बाद यह विवाद अब और उलझता नजर आ रहा है. यह विवाद उस वक्त सबसे सामने खुलकर आ गया था, जब बिना तेजप्रताप को बताए उनके करीबी आकाश यादव को छात्र राजद के पद से हटा दिया गया था.

 

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