बिहार में मंत्रिपरिषद की सहमति के बाद जल्द लागू होगी नई टेक्सटाइल नीति, प्रारूप तैयार
- बिहार निवासी एक व्यक्ति को नौकरी देने पर राज्य सरकार टेक्सटाइल कंपनियों को हर माह आठ सौ रूपए से तीन हजार रूपए तक दे सकती है. साथ ही अलग-अलग कैटेगरी में निवेश करने वाली टेक्सटाइल कंपनियों को रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी राज्य सरकार कर रही है.
पटना. उधोग विभाग ने बिहार में लागू होने वाली टेक्सटाइल नीति का प्रारूप तैयार कर लिया है. दरअसल, इसके तहत प्रदेश में निवेश करने वाली टेक्सटाइल कंपनियों के लिए कई तरह की रियायत और प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है. साथ ही रोजगार सृजन से लेकर प्रदेश से निर्यात के विकास तक पर प्रोत्साहन राशि तय की गई है. प्रारूप के तहत निहित प्रवाधानों पर विशेषज्ञों से भी राय ली गई है. राज्य मंत्रिपरिषद की सहमति के बाद इसे लागू किया जाएगा.
मिली जानकारी के मुताबिक, प्रारूप में कृषि, भवन निर्माण, तकनीकी उपकरणों, रक्षा जरूरतों, फर्नीचर औक घरेलू जरूरतों, औधोगिक उपयोग, मेडिकल उपयोग, प्रर्यावरण संरक्षण पैकेजिंग, सुरक्षा उपकरणों और खेल जरूरतों के लिए खास तकनीक वाले कपड़ों के निर्माण पर भी फोकस किया जाएगा. बताया जा रहा है कि बिहार निवासी एक व्यक्ति को नौकरी देने पर राज्य सरकार टेक्सटाइल कंपनियों को हर माह आठ सौ रूपए से तीन हजार रूपए तक दे सकती है.
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अलग-अलग कैटेगरी में निवेश करने वाली टेक्सटाइल कंपनियों को रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी राज्य सरकार कर रही है. साथ ही रोजगार सृजन से लेकर प्रदेश से निर्यात के विकास तक पर प्रोत्साहन राशि तय की गई है. प्रारूप के तहत निहित प्रवाधानों पर विशेषज्ञों से भी राय ली गई है.दरअसल, प्रस्तावित टेक्सटाइल पॉलिसी में कैपिटल सब्सिडी के तौर पर 35 फीसदी तक का अनुदान राज्य सरकार के खजाने से देने का प्रावधान किया गया है.
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