सिपाही भर्ती आवेदन में ट्रांसजेंडर कॉलम न होने से चिंतित समाज, HC को लिखा पत्र
- बिहार में 40 हजार ट्रांसजेंडर है जिनमें से 8 प्रतिशत की उम्र 18 से 32 के बीच की है ऐसे में कुल 3200 किन्नर इस भर्ती से वंंचित रह जाएगें. इसके लिए समस्या के लिए पटना की किन्नर ने हाईकोर्ट को पत्र लिखा गया है.
पटना. सिपाही भर्ती के आवेदन में ट्रांसजेंडर कॉलम न होने के कारण पूरे समाज के ट्रांसजेंडर्स की चिंताए बढ़ गई है. बिहार में 40 हजार ट्रांसजेंडर हैं जिनमें से 8 प्रतिशत की उम्र 18 से 32 के बीच की है ऐसे में कुल 3200 ट्रांसजेंडर्स इस भर्ती से वंंचित रह जाएगें. इसके लिए समस्या के लिए पटना की किन्नर ने हाईकोर्ट को पत्र लिखा गया है. बता दें कि किन्नरों को अलग से पहचान देने के लिए बिहार में सबसे पहले इस पर काम किया गया था.
दोस्तान सफर की किन्नर रेशमा प्रसाद ने बताया है कि सबसे पहले बिहार में ही किन्नरों को अलग पहचान मिली थी. बिहार में किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया गया था. केरल, तमिलनाडू, छत्तीसगढ़ और ऑडिस में ट्रांसजेंडर्स को पुलिस में बहाली मिल चुकी है. लेकिन बिहार में इनको वंचित रखा जा रहा है. वहीं पटना की ट्रांसजेंडर्स वीरा यादव हाईकोर्ट को इसके लिए पत्र लिखा है और कॉलम में ट्रांसजेंडर्स को जोड़ने की मांग की है.
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बता दें कि 2019 में ट्रांसजेंडर्स एक्ट के तहत पारित कर लिया था जिसके बाद से इस पर नीति बननी शूरु हो गई थी. इससे पहले ही बिहार में टांसजेंडर्स को अलग से पहचान हो चुकी थी. बिहार में 2014 से ही इसे पहचान दी गई है. उन्हें पिछड़ी जाति में आरक्षण देने का प्रावधान किया गया लेकिन यह लागू नहीं हो पाया था. बिहार में ही सबसे पहले किन्नर महोत्सव किया गया था.
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