UP विधानसभा पर उपेंद्र कुशवाहा बोले- नीतीश कुमार की JDU हर हाल में लड़ेगी चुनाव

Somya Sri, Last updated: Fri, 8th Oct 2021, 11:13 AM IST
  • उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि, " जनता दल यूनाइटेड किसी भी हाल में उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी. कुशवाहा ने कहा है कि जदयू केंद्र में और बिहार में एनडीए का हिस्सा है, इसलिए पहली कोशिश होगी कि विधानसभा चुनाव में भी एनडीए के बैनर तले ही चुनाव लड़े. अगर ऐसा नहीं होता है तो भी जदयू पार्टी यूपी चुनाव लड़ेगी. "
बिहार विधानसभा परिषद सदस्य उपेंद्र कुशवाहा के साथ बिहार सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

पटना: देश में अगले साल पांच राज्यों में एक साथ विधानसभा चुनाव होने को है. लेकिन आगामी यूपी विधानसभा चुनाव पर अन्य राज्यों के राजनीतिक दलों की निगाहें भी हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया साथ ही सरकार बनने पर मुफ्त बिजली देंने का वायदा भी किया. अब इसी कड़ी में बिहार में दम खम रखने वाली बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता यूनाइटेड दल ने भी यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. हालांकि ये ऐलान जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और बिहार विधानसभा परिषद सदस्य उपेंद्र कुशवाहा ने की है.

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि, " जनता दल यूनाइटेड किसी भी हाल में उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी. कुशवाहा ने कहा है कि जदयू केंद्र में और बिहार में एनडीए का हिस्सा है, इसलिए पहली कोशिश होगी कि विधानसभा चुनाव में भी एनडीए के बैनर तले ही चुनाव लड़े. अगर ऐसा नहीं होता है तो भी जदयू पार्टी यूपी चुनाव लड़ेगी. "

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उन्होंने कहा कि, "बीजेपी के साथ यूपी चुनावों को लेकर सियासी गठबंधन करना प्राथमिकता तो है लेकिन, अगर बीजेपी के साथ बात नहीं बनी तो जेडीयू अकेले ही या फिर मुफीद सियासी पार्टनर मिलने पर अन्य दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी है." कितने सीटों पर चुनाव लड़ेंगे के सवाल पर कुशवाहा ने कहा कि, " पार्टी की रणनीति है कि इतने सीट पर चुनाव लड़कर सम्मानजनक स्थिति में पहुंचा जाए ताकि पार्टी को चुनाव आयोग से मान्यता मिल जाए."

पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि, " उत्तर प्रदेश में पार्टी को संभावना दिख रही है. कार्यकर्ता तैयारी कर रहे हैं और इस तरह से जदयू का संगठनात्मक विस्तार भी होगा. यह पहली बार नहीं होगा जब केंद्र में एक दूसरे को समर्थन देने वाले दो दलों ने राज्य चुनावों में गठबंधन के विपरीत जाकर चुनाव लड़ा हो. झारखंड में जेएमएम(झारखंड मुक्ति मोर्चा) ने 2009 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़ा था जबकि केंद्र में सत्तारूढ़ यूपीए के घटक दलों में से एक जेएमएम भी थी."

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