बिहार पटना मुजफ्फरपुर गया भागलपुर, झारखंड रांची बोकारो धनबाद अहोई अष्टमी चांद-तारे दिखने का टाइम

पटनाः अहोई अष्टमी का व्रत हर साल कार्तिक महिने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस बार 28 अक्टूबर यानी गुरूवार को अहोई अष्टमी का पावन व्रत पड़ रहा है. इस दिन महिलाएं संतान की चाहत लेकर इस व्रत को करती हैं. वहीं जो महिलाएं पहले से ही संतान सुख से तृप्त हैं वे संतान की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए पूरे विधि विधान के साथ माता अहोई और भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती हैं.
अहोई अष्टमी चांद कब दिखेगा
अहोई अष्टमी के दिन भी चांद दर्शन काफी खास होता है. अहोई अष्टमी का पावन व्रत करवा चौथ के तीन दिन बाद मनाया जाता है. इसे कार्तिक महिने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. अहोई अष्टमी के दिन यानी गुरूवार को पटना और रांची में रात 7 बजकर 45 मिनट पर चांद निकलने की संभावना है. वहीं गया में रात 7 बजकर 44 मिनट पर चांद निकल सकता है. भागलपुर में 7 बजकर 42 मिनट और बोकारो, धनबाद में 7 बजकर 50 मिनट पर चांद दिख सकता है.
बिहार पटना मुजफ्फरपुर गया भागलपुर, झारखंड रांची बोकारो धनबाद अहोई अष्टमी कथा मुहूर्त
अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त
अहोई अष्टमी का व्रत हर साल कार्तिक महिने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो इस बार पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 39 मिनट से 6 बजकर 56 मिनट तक है. इस बार 1 घंटे 17 मिनट ही पूजा के लिए शुभ मुहूर्त है. सनातन संस्कृति में दूसरे पर्व- त्योहारों की तरह अहोई अष्टमी का भी बड़ा महत्व है. महिलाएं संतान की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए पूरे विधि विधान के साथ माता अहोई और भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती हैं.
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