बाढ़-बारिश से लड़ने को लॉकडाउन में भी खुलेगा नगर विकास विभाग, 33 फीसदी स्टाफ
- बिहार में कोरोना के साथ-साथ मॉनसून का भी खतरा छाया हुआ है। नदियां उफान पर हैं तो बाढ़ का खतरा और ज्यादा बारिश हो जाए तो पटना जैसे शहरों के अंदर बाढ़ जैसे हालात पैदा होने का खतरा।

पटना. बिहार में 16 जुलाई से 31 जुलाई के कोरोना लॉकडाउन के दौरान नगर विकास और आवास विभाग का दफ्तर खुला रहेगा। गृह विभाग से लॉकडाउन का आदेश जारी होने के बाद नगर विकास और आवास विभाग ने अलग आदेश जारी करके बताया है कि उसके दफ्तर खुले रहेंगे लेकिन स्टाफ 33 परसेंट ही बुलाए जाएंगे। माना जा रहा है कि बारिश की वजह से शहरों में जलजमाव और दूसरे इलाकों में बाढ़ के खतरों को देखते हुए इस विभाग को चालू रखने का फैसला किया गया है। 2019 में पटना बारिश में बाढ़ में डूब गई थी और विभाग के सारे दावे पानी में बह गए थे।
नगर विकास और आवास विभाग के आदेश में कहा गया है कि सेक्शन ऑफिसर और उनसे ऊपर के सभी अधिकारी हर रोज दफ्तर आएंगे। सेक्शन ऑफिसर्स से कहा गया है कि वो अपने-अपने प्रशाखा में एक तिहाई क्लर्क और दूसरे कर्मचारियों को ही काम पर बुलाएं। ये साफ किया गया है कि जो भी स्टाफ और अधिकारी दफ्तर आएंगे वो सोशल डिस्टेंसिंग के सारे नियमों का कड़ाई से पालन करेंगे।
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बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या 20 हजार पहुंचने को है और लगातार मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पटना में दो हजार से ज्यादा कोरोना केस मिल चुके हैं। राज्य के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। पटना के डीएम दफ्तर से लेकर हाईकोर्ट तक के स्टाफ कोरोना के मरीज हैं। ऐसे में पटना में पहले से ही 10 जुलाई से 16 जुलाई तक डीएम ने लॉकडाउन लगा दिया था।
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