पटना में ठंड से अस्पतालों में ब्रेन हेमरेज और कोल्ड अटैक के मामले बढ़े

Smart News Team, Last updated: Thu, 10th Dec 2020, 4:47 PM IST
  • इस बार दिसंबर में ही ठंड ने पूरा जोर पकड़ लिया है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों की ओर से लोगों को ठंड से बचाव के लिए सुझाव दिए जा रहे हैं कि अचानक तापमान के बदलाव से बचें.
पटना में ठंड से बचाव के लिए लोगों को सावधानियां बरतनी चाहिए

पटना.  ठंड बढ़ने के साथ ही राजधानी के अस्पतालों में मरीजों की गिनती भी बढ़ना शुरू हो गई है. सुबह शाम घना कोहरा पड़ने से मौसम काफी ठंडा हो गया है. ठंड बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में ब्रेन हेमरेज, कोल्ड अटैक, हर्ट अटैक आदि के मामले बढ़ने लगे हैं. इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, पीएमसीएच में ब्रेन हेमरेज मरीजों से आईसीयू फुल हो गए हैं. इस संबंध में आईजीआईएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल का कहना है कि ठंड के कारण ब्रेन हेमरेज, हर्ट अटैक, पक्षाघात, कोल्ड अटैक, सर्दी, खांसी, बुखार, दमा के मरीजों की गिनती काफी बढ़ रही है. कोल्ड अटैक के बीते दो दिनों से 10-15 मरीज पहुंच रहे हैं. 

एम्स के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. लोकेश कुमार तिवारी ने बताया कि बच्चों को अचानक तापमान के बदलाव से बचाएं. सुबह-शाम के एक्सपोजर से बचाएं. दिन में धूप जरूर दिखाएं. इन दिनों विटामिन डी की कमी हो जाती है, जो धूप से दूर होती है. ड्राई हिटर का उपयोग बहुत जरूरत हो तभी करें, बच्चों को सिर को हमेशा ढंक कर रखें. सांस लेने, सर्दी, खांसी का लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह से ही दवाई लें.

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पीएमसीएच के मुख्य आकस्मिकी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अभिजीत सिंह के मुताबिक अस्पताल में ब्रेन हेमरेज, न्यूरो, सर्दी, खांसी, बुखार, दमा, हर्ट अटैक के मरीजों की तादाद बढ़ रही है. इसके पीछे कारण ठंड ही माना जा रहा है. डॉ. अभिजीत सिंह का कहना है कि बीपी व शुगर वाले मरीजों को विशेष सर्तकता बरतने की जरूरत है. ऐसे में बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे मौसम में बच्चों को अनावश्यक बाहर नहीं निकलने दें. बुजर्गों को भी घर से दिन में धूप निकलने पर ही टहलने के लिए निकलने दें. ठंड में बीपी बढ़ जाता है. ऐसे में धड़कन बढ़ जाती है. हृदय घात, पक्षाघात का खतरा बढ़ जाता है. धूप निकलने के बाद ही टहलें. नियमित शुगर व बीपी की जांच कराएं. चिकित्सकों के संपर्क में रहें.

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