400 साल पुरानी है पटना की छोटी दरगाह जो मनेर शरीफ के नाम से भी है मशहूर

Smart News Team, Last updated: Wed, 14th Jul 2021, 2:15 PM IST
  • पटना की छोटी दरगाह, जिसे मनेर शरीफ के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि इस जगह पर पूरे हिंदुस्तान से सूफी संत आया करते थे और यहीं पर सन 1616 में मुस्लिम संत मखदूम शाह बाबा को भी दफनाया गया था. उसके बाद से ही यह जगह मुस्लिमों में काफी लोकप्रिय हो गई.
इस जगह पर पूरे हिंदुस्तान से सूफी संत आया करते थे और यहीं पर सन 1616 में मुस्लिम संत मखदूम शाह बाबा को भी दफनाया गया था. (Credit: Bihar Tourism Official Site)

पटना शहर अपने इतिहास और इमारतों के लिए खूब जाना जाता है. यहां कई ऐसी इमारते हैं जो पटना के प्राचीन इतिहास को बयां करने के साथ-साथ शहर की खूबियों को भी बताती हैं. इन्हीं इमारतों में से एक है पटना से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित छोटी दरगाह, जिसे मनेर शरीफ के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि इस जगह पर पूरे हिंदुस्तान से सूफी संत आया करते थे और यहीं पर सन 1616 में मुस्लिम संत मखदूम शाह बाबा को भी दफनाया गया था. उसके बाद से ही यह जगह मुस्लिमों में काफी लोकप्रिय हो गई.

छोटी दरगाह का निर्माण इब्राहिम खान द्वारा 1619 में करवाया गया था. दरगाह के ऊपरी हिस्से में बड़ा सा गुंबद ना हुआ है, जिसपर इस्लाम की धार्मिक पुस्तक कुरआन से जुड़ी कुछ आयतें भी लिखी गई हैं. इसके अलावा छोटी दरगाह के सामने एक बड़ा सा टैंक भी है जिसे इब्राहिम खान के नेतृत्व में तैयार किया गया था. इस दरगाह को मीनार शरीफ के नाम से भी जाना जाता है. यूं तो यह दरगाह 400 साल पुरानी है, लेकिन यह आज भी उस जगह पर जस की तस खड़ी हुई है. वहीं वर्तमान में यह दरगाह भारतीय पुरातत्व के संरक्षण में है.

छोटी दरगाह का निर्माण इब्राहिम खान द्वारा 1619 में करवाया गया था. (Credit: Bihar Tourism Official Site)

छोटी दरगाह के पास साल में दो बार फकीर बाबा की पुण्य तिथि भी मनाई जाती है, जिस दौरान मुस्लिमों की यहां काफी भीड़ देखने को मिलती है. छोटी दरगाह के अलावा यहां बड़ी दरगाह भी स्थित है जो कि बिहार के मुस्लिमों में काफी पवित्र और अहम मानी जाती है. बड़ी दरगाह में सूफी संत हजरत मखदूम यहिया मनेरी की कब्र मौजूद है.

मनेर शरीफ आने वालों को यूं तो घूमने के लिए कई और बेहतर जगह मिल जाएगी. लेकिन यहां आकर आपने मनेर के मशहूर लड्डू का लुत्फ नहीं उठाया तो यह सफर लगभग अधूरा ही माना जाता है. यह एक प्रकार के मोतीचूर के लड्डू होते हैं, जिन्हें घी में तैयार किया जाता है. इन लड्डुओं का जिक्र बॉलीवुड की फिल्म 'खुदगर्ज' में भी किया गया है.

छोटी दरगाह के पास साल में दो बार फकीर बाबा की पुण्य तिथि भी मनाई जाती है. (Credit: Bihar Tourism Official Site)

कैसे पहुंचें: पटना रेलवे स्टेशन से मनेर शरीफ छोटी दरगाह की दूरी करीब 28 किलोमीटर है, ऐसे में पर्यटक निजी वाहन कर एक घंटे में आसानी से वहां तक पहुंच सकते हैं. इसके अलावा पटना हवाई अड्डे से भी दरगाह की दूरी करीब 24.9 किलोमीटर है, जिससे पर्यटक वाहन कर 1 घंटे 8 मिनट में यहां पहुंच सकते हैं.

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