Diwali 2021: क्या आप जानते हैं यमराज के 14 नाम, नरक चतुर्दशी पर इन नामों के साथ दीप जलाने से टलेगी अकाल मृत्यु
- नरक चतुर्दशी (Naraka Chaturdashi), रूप चौदस (Roop Chaudas), छोटी दिवाली (Choti Diwali) या यम दिवाली (Yam Diwali) के मौके पर यमराज की पूजा की जाती है और उनके नाम का दीया जलाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यमराज के 14 नाम हैं और इन नामों के साथ आप दीप जलाएंगे तो यम देव आपसे जरूर प्रसन्न होंगे.
भगवान यमराज को मृत्यु का देवता और दक्षिण के दिक्पाल के नाम से भी जाना जाता है. दिवाली के एक दिन पहले नरक चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन यम देव की खास पूजा की जाती है. वहीं इस दिन यम देव के नाम से एक दीया जलाने की भी परंपरा है. इस बार नरक चतुर्दशी आज यानी 3 नवंबर को है. आज के दिन यम दीप जलाकर यम को प्रसन्न किया जाता है.
बता दें कि यम दीप को अन्य दीप की तरह नहीं जलाया जाता. इसके लिए कुछ खास विधि और नियम होते हैं. साथ ही अगर यमराज के 14 नामों के सात ये दीप जलाया जाए तो उनका आशीर्वाद मिलता है और व्यक्ति की अकाल मृत्यु नहीं होती. क्या आप जानते हैं यमराज देव के 14 नाम , नहीं तो पढ़ें ये खबर.
यमराज के 14 नाम- स्मृतियों के अनुसार 14 यम माने गए हैं- यम, धर्मराज, मृत्यु, अन्तक, वैवस्वत, काल, सर्वभूतक्षय, औदुम्बर, दध्न, नील, परमेष्ठी, वृकोदर, चित्र और चित्रगुप्त. 'धर्मशास्त्र संग्रह' के अनुसार 14 यमों को उनके नाम से 3-3 अंजलि जल तर्पण में देते हैं. वहीं अंग्रेजी में यम को प्लूटो कहते हैं. पुराणों के अुसार नरक चतुर्दशी के दिन यमराज के इन 14 नामों के साथ उन्हें प्रणाम करें और इस मंत्र को पढ़ें-
Diwali 2021: नरक चतुर्दशी पर यमराज के नाम जलाएं एक दीप, जानिए सही विधि
यमाय धर्मराजाय मृत्यवे चांतकाय च, वैवस्वताय कालाय सर्वभूतक्षयाय च।
औदुम्बराय दध्नाय नीलाय परमेष्ठिने, व्रकोदराय चित्राय चित्रगुप्ताय वै नम:।।
यमराज देव के नाम का अर्थ होता है नियंत्रण और संयम. पुराणों के अनुसार यमराज के शरीर का रंग हरा होता है और वे लाल वस्त्र पहनते हैं. यमराज भैंस की सवारी करते हैं और उनके हाथ में गदा होती है.
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