पटना विवि में PHD के इनरोल्ड शोधार्थियों 30 जून 2021 तक करा सकेंगे थीसिस जमा

Smart News Team, Last updated: Mon, 4th Jan 2021, 5:40 PM IST
  • कोरोना की वजह से कई शोधार्थी थीसिस समय पर कंप्लीट नहीं कर पाए हैं और कई थीसिस पूरा नहीं कर पाए हैं. इसे देखते हुए पटना विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीएचडी शोधार्थियों को थीसिस जमा कराने के लिए छह महीने का एक्सटेंशन देने का फैसला लिया है. 
पटना यूनिवर्सिटी (फाइल फोटो)

पटना. पटना यूनिवर्सिटी में पीएचडी के लिए इनरोल्ड शोधार्थियों को अपने थीसिस जमा करने के लिए राहत दी गई है. इसमें जिन शोधार्थियों का समय छह साल का टर्म 31 दिसंबर 2020 को कंप्लीट हो गया है, वे अब 30 जून 2021 तक अपनी थीसिस जमा करवा सकते हैं. कोरोना के कारण बहुत सारे शोधार्थी अपने थीसिस समय पर कंप्लीट नहीं कर पाए हैं और कइयों की तो थीसिस पूरी नहीं हो पाई है. इसके चलते पटना विश्वविद्यालय की ओर से शोधार्थियों को थीसिस जमा कराने के लिए छह महीने का एक्सटेंशन देने फैसला लिया गया है. इससे पहले भी दो बार विश्वविद्यालय ने पीएचडी शोधार्थियों को राहत दी है.

उल्लेखनीय है पटना यूनिवर्सिटी में हर छह माह पर पीएचडी शोधार्थियों को अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट देनी होती है. जिसमें पूरा विवरण देना होता है कि शोध में कब, क्या और कैसे तैयारी की गई है. शोधार्थियों का कार्य गतिमान रहे इसी के चलते विवि प्रशासन की ओर से यह फैसला लिया गया है. अब नई व्यवस्था में शोधार्थियों पर विशेष ध्यान दिया जा सकेगा. जो शोधार्थी तय अवधि में शोध पूरा नहीं करते और एक्सटेंशन की डिमांड करते हैं. नई व्यवस्था के तहत उन पर नजर रखी जा सकेगी. शोधार्थियों को एक्सटेंशन लेने के लिए आवेदन देना भी अनिवार्य किया गया है.

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पटना विवि में पीएचडी शोधार्थियों की सहूलियत और शोध की गुणवत्ता के लिए फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है. एकेडमिक काउंसिल सदस्यों के सुझाव प्राप्त करने के बाद उन्हें लागू करने पर विचार किया जाएगा. पटना विवि में प्रतिकुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह को पीएचडी के फॉर्मेट में बदलाव की जिम्मेदारी दी गई है.

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