IGIMS पटना में बनेगा पहला आर्टिफिशियल लिंब हॉस्पिटल एंड गेट स्टडी सेंटर

Smart News Team, Last updated: Sat, 20th Feb 2021, 7:10 PM IST
  • इंदिरा गंधी आयुर्विज्ञान संस्थान में प्रदेश का पहला कृत्रिम अंग अस्पताल बनाया जाएगा. संस्थान की गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है. इसे क्षेत्रीय संस्थान का दर्जा भी दिया जाएगा.
आईजीआईएमएस अस्पताल (फाइल फोटो)

पटना. बिहार का पहला आर्टिफिशियल लिंब हॉस्पिटल एंड गेट स्टडी सेंटर इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में बनाया जाएगा. इसे रीजनल इंस्टीट्यूज का दर्जा दिया जाएगा. गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में आईजीआईएमएस में इस कृत्रिम अंग अस्पताल के प्रपोजल को मंजूरी दे दी गई है. उल्लेखनीय है कि रीढ़ की हड्डी की जन्मजात समस्या, पांव में टेढ़ेपन जैसे बीमारियों से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए राज्य में कोई अस्पताल ना होने के कारण उनके परिजनों को इलाज के लिए उन्हें दिल्ली या फिर अन्य राज्यों में लेकर जाना पड़ता है. इसी कारण कई बच्चे राज्य में ऐसे हैं जो ठीक से चलने में मोहताज हैं. इन बच्चों को कृत्रिम अंगो की जरूरत होती है. इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में कृत्रिम अंग अस्पताल बन जाने से ऐसी बीमारियों से पीड़ित रोगियों को काफी फायदा पहुंचेगा.

गौर हो कि राजधानी में कई जिलों में कृत्रिम अंग बनाए जाते हैं लेकिन फिटिंग और प्रशिक्षित लोगों के अभाव के चलते पीड़ितों की समस्या गंभीर हो जाती है. इस समस्या ऐसी समस्याओं पर शोध कर हल निकालने की भी कोई व्यवस्था नहीं है. पीएमसीएच जैसे अस्पतालों में रिहैबिलिटेशन सेंटर में इस पर काम होता है. इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की गवर्निंग बॉडी की बैठक में इस समस्या के समाधान के लिए प्रस्ताव पेश किया गया जिसे मंजूर कर लिया गया है.

कक्षा 3 की पलक बनी मिस जूनियर बिहार की विजेता, अब मिस जूनियर इंडिया की तैयारी

आईजीआईएमएस में बनने वाले कृत्रिम अंग अस्पताल में जन्म से ही छोटे बड़े पैर के लिए विशिष्ट कैलिपर बनाने, रीढ़ की हड्ढी में खराबी के कारण चलने की परेशानी दूर करने को विशेष तरह के कृत्रिम अंग बनाने पर काम किया जाएगा. गेट स्टडी सेंटर में चलने फिरने में किसी भी तरह की परेशानी का समाधान किया जाएगा.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें