हरियाली तीज पर अगर छूट या टूट जाए व्रत तो करें ये उपाय

हरियाली तीज सावन महीने के प्रमुक त्योहार में से एक माना जाता है. इस दिन सुहागिनें निर्जला उपवास रखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. तो वहीं कुंवारी लड़कियां इस व्रत को इसलिए रखती हैं कि उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिल सके. इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती है, खूब सजती-धजती हैं. ऐसा कहा जाता है कि जो महिलाएं इस व्रत को एक बार रखती हैं उन्हें हर साल इसे रखना पड़ता है.
अगर व्रत करने में आ रही है समस्या तो करें ये काम
कई बार स्वास्थ समस्या, प्रेग्नेंसी, यात्रा या पूजा और पाठ ना कर सकने के कारण महिला ये व्रत नहीं रख पाती हैं. ऐसे में व्रत छूटने का डर रहता है. इसलिए पौराणिक ग्रंथों में कहा गया है कि अगर ऐसी विषम परिस्थिति आए तो घर की कोई दूसरी महिला उसके बदले व्रत रख सकती हैं, या फिर पत्नी के बदले उनके पति भी व्रत रख सकते हैं. ऐसा करने से व्रत भी नहीं टूटता है और उसका फल भी प्राप्त होता है.
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जो महिलाएं इस व्रत को रखती हैं उन्हें सुबह-सुबह स्नान आदि करके नए वस्त्र पहनने चाहिए. साथ ही जो नवविवाहिता होती हैं उनके लिए मायके से भी इस व्रत के लिए कपड़े आते हैं. उसके बाद व्रत संकल्प लेना ना भूलें. अच्छे से अपने घर की सफाई करें और घर को सजाएं. इतना ही नहीं बल्कि खुद ही पूजा के लिए सोलह श्रृंगार भी करें. सबसे पहले पूजा की चौकी ले. उसके बाद मिट्टी में गंगा जल मिलाएं, और उससे शिवलिंग, भगवान गणेश, और माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं.पूजा की थाली लें उसमें चूड़ी, सिंदूर, बिंदी. अक्षत, मेहंदी, दीप, धूप आदि सजाकर भगवान को अर्पित करें. उसके बाद भगवान को भोग लगाएं, और व्रत कीकथा पढ़ें और आरती करें.
हरियाली तीज सावन महीने के प्रमुक त्योहार में से एक माना जाता है. इस दिन सुहागिनें निर्जला उपवास रखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. तो वहीं कुंवारी लड़कियां इस व्रत को इसलिए रखती हैं कि उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिल सके. इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती है, खूब सजती-धजती हैं. ऐसा कहा जाता है कि जो महिलाएं इस व्रत को एक बार रखती हैं उन्हें हर साल इसे रखना पड़ता है.
अगर व्रत करने में आ रही है समस्या तो करें ये काम
कई बार स्वास्थ समस्या, प्रेग्नेंसी, यात्रा या पूजा और पाठ ना कर सकने के कारण महिला ये व्रत नहीं रख पाती हैं. ऐसे में व्रत छूटने का डर रहता है. इसलिए पौराणिक ग्रंथों में कहा गया है कि अगर ऐसी विषम परिस्थिति आए तो घर की कोई दूसरी महिला उसके बदले व्रत रख सकती हैं, या फिर पत्नी के बदले उनके पति भी व्रत रख सकते हैं. ऐसा करने से व्रत भी नहीं टूटता है और उसका फल भी प्राप्त होता है.
जो महिलाएं इस व्रत को रखती हैं उन्हें सुबह-सुबह स्नान आदि करके नए वस्त्र पहनने चाहिए. साथ ही जो नवविवाहिता होती हैं उनके लिए मायके से भी इस व्रत के लिए कपड़े आते हैं. उसके बाद व्रत संकल्प लेना ना भूलें. अच्छे से अपने घर की सफाई करें और घर को सजाएं. इतना ही नहीं बल्कि खुद ही पूजा के लिए सोलह श्रृंगार भी करें. सबसे पहले पूजा की चौकी ले. उसके बाद मिट्टी में गंगा जल मिलाएं, और उससे शिवलिंग, भगवान गणेश, और माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं.पूजा की थाली लें उसमें चूड़ी, सिंदूर, बिंदी. अक्षत, मेहंदी, दीप, धूप आदि सजाकर भगवान को अर्पित करें. उसके बाद भगवान को भोग लगाएं, और व्रत कीकथा पढ़ें और आरती करें.
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