पटना स्मार्ट सिटी योजना के नए इलाकों में 4 महीने में काम पूरा करने के निर्देश
- नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव ने स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक में पदाधिकारियों को दो महीने में 70 फीसदी काम पूरा करने के लिए कहा है. इसके साथ ही कार्य की गुणवत्ता में कोताही को बर्दाश्त ना करने की बात भी कही गई है.
पटना. राजधानी में स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे कार्यों की समीक्षा के लिए स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक आयोजित की गई. जिसमें एरिया बेस्ड डेवलपमेंट में नए इलाकों को जोड़ने की स्वीकृति दी गई है. राजधानी में स्मार्ट सिटी योजना का धीरे-धीरे विस्तार किया जा रहा है. सरकार की ओर से अब स्मार्ट सिटी पटना का सपना साकार करने के लिए नए इलाकों बोरिंग रोड, करबिगहिया, हार्डिंग रोड, सचिवालया का नजदीकि एरिया, एसकेपुरी और मीठापुर को इस योजना में शामिल किया है. इन इलाकों में योजना के तहत बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी.
बैठक के दौरान मेयर सीता साहू की मौजूदगी में कुल 23 एजेंडों पर विचार चर्चा की गई. एरिया बेस्ड डेवलपमेंट के तहत पटना के अशोक राजपथ के उत्तर रानीघाट एवं कलेक्ट्रेट घाट के दरमियान अव्यवस्थित सभी घाटों को शामिल किया गया है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले आर ब्लॉक, गांधी मैदान, पटना जंक्शन, आयकर गोलंबर और मंदिरी नाले का एरिया स्मार्ट सिटी के अंतर्गत था. अब जिन नए इलाकों को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किया गया है. उन इलाकों में चार महीनों में काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.
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नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि स्मार्ट सिटी के पदाधिकारियों ने यदि काम में कोई लापरवाही बरती तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने पदाधिकारियों को टास्क दिया है कि स्मार्ट सिटी की रैंकिंग में अविलंब सुधार लाना है. दो महीने में 70 फीसदी और चार महीने में 100 फीसद काम पूरा करना है, इसके साथ काम की गुणवत्ता में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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