Karwa Chauth Moonrise Time: बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर व भागलपुर, झारखंड के रांची और धनबाद में चांद निकलने का समय

Deepakshi Sharma, Last updated: Sun, 24th Oct 2021, 1:44 PM IST
  • 24 अक्टूबर को आज करवा चौथ का पावन पर्व है. इस दिन सभी महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा है. चांद देखने के बाद ही महिलाएं अपने व्रत खोलेंगी. ऐसे में जानिए बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया व भागलपुर और झारखंड के रांची, बोकारो व धनबाद में कब निकलने वाला है चांद.
बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर व भागलपुर, झारखंड के रांची और धनबाद में चांद के दीदार का वक्त

पटना. हिंदुओं के पवित्र त्योहारों में से एक आने वाले करवा चौथ का व्रत आज यानी 24 अक्टूबर के दिन  सभी महिलाएं माना रही हैं. रविवार के दिन देशभर की सभी महिलाएं इस त्योहार को बेहद ही उत्साह के साथ मनाती हैं. अपने पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं ये व्रत रखती हैं. चांद देखने, पूजा-अर्चना करने और पति का आशीर्वाद लेने के बाद ही उनका ये व्रत पूरा होता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया व भागलपुर और झारखंड के रांची, बोकारो व धनबाद में कब निकलने वाला है चांद.

बिहार के शहरों में चांद निकलने का समय

- पटना : शाम 7:42 बजे

- मुजफ्फरपुर: शाम 7: 42 बजे

- पूर्णिया: शाम 7: 33 बजे

- भागलपुर: शाम 7:35 बजे

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झारखंड के शहरों में चांद निकलने का समय-

- रांची: शाम 7: 46 बजे

- बोकारो: शाम 7:43 बजे

- धनबाद: शाम 7:41 बजे

- जमशेदपुर: शाम 7:44 बजे

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करवा चौथ पर ऐसे करें पूजा

करवा चौथ पर सूरज निकलने से पहले सास द्वारा भेजी गई सरगी का सेवन कर लें. बाद में फिर स्नान करने के बाद संकल्प बोलकर करवा चौथ का व्रत शुरु करें. पूरे दिन निर्जल रहे. इस दौरान आठ पूरियां की अठावरी और हलुवा बनाएं. साथ ही पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेश जी बनाकर बैठाएं. मां गौरी का सुहाग सामग्री से श्रृंगार करें. करवा में गेंहूं और ढक्कर नें शक्कर का बूरा भर दें. उसके ऊपर दक्षिणा रखें. रोली से करवा पर स्वस्तिक भी बनाएं. मां गौरी और भगवान गणेश की पूजा परंपरा के मुताबिक करें. पति की लंबी आयु के लिए फिर कामना करें. करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या फिर चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कहानी या फिर कथा सुनें. कथा पूरी होने के बाद अपनी सांस के पैर छुकर उनका आशीर्वाद लें और उन्हें करवा दें. रात के वक्त चांद निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और फिर चांद को अर्ध्य दें. इसके बाद पति से आशीर्वाद लें. उन्हें भी भोजना करें और खुद भी भोजन करें.

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