Merry Christmas 2021: हर साल 25 दिसंबर को क्यों मनाते हैं क्रिसमस, ये है इतिहास

Pallawi Kumari, Last updated: Mon, 20th Dec 2021, 11:08 AM IST
  • क्रिसमस खासतौर पर ईसाई धर्म के लोगों का पर्व होता है. लेकिन आजकल हर धर्म के लोग इस त्योहार को मनाते हैं. क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है.लेकिन 24 दिसंबर की शाम से ही क्रिसमस का जश्न शुरू हो जाता है. आइये जानते हैं क्या है क्रिसमस पर्व का इतिहास.
25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने का इतिहास

क्रिसमस सिर्फ भारत में नहीं बल्कि दुनियाभर में बड़े ही धूमधाम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है. हालांकि अभी क्रिसमस आने में थोड़ा समय है लेकिन बाजारों से लेकर घरों में क्रिसमस की साज सजावट शुरू हो चुकी है. क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है इसकी डेट कभी नहीं बदलती. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों क्रिसमस मनाया जाता है. ईसाई धर्म के लोग क्रिसमस को यीशू के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं. लेकिन साक्ष्य कुछ और ही है. आखिर क्रिसमस का इतिहास क्या है आपको इस खबर में बताते हैं.

क्रिसमस का इतिहास-

क्रिसमस शब्द की उत्पत्ति क्राइस्ट शब्द से हुई. इसे सबसे पहले दुनिया में रोम में 336 ई. में मनाया गया था. प्राचीन कहानियों के अनुसार, प्रभु यीशु का जन्म इसी दिन हुआ. यही कारण है कि इस दिन को क्रिसमस-डे कहा जाता है. यीशु का जन्म मरियम के घर हुआ. कहा जाता है कि मरियम को यीशु के जन्म से पहले सपना आया था जिसमें यीशु को जन्म देने की भविष्यवाणी हुई थी. इस सपने के बाद मरियम गर्भवती हुई. यीशू के जन्म से पहले मरियम को बेथलहम में रहना पड़ा था. उन्होंने एक  जगह जहां पशुपालन होता  था, वहां यीशू को जन्म दिया. यीशू के जन्मदिन के रूप में हर साल इसी दिन क्रिसमस पर्व मनाया जाता है.

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क्रिसमस का महत्व-

क्रिसमस पहले केवल ईसाई धर्म के लोग ही मनाते थे. लेकिन पिछले कुछ दशक में इस त्योहार को दुनियाभर में मनाया जाता है. बात करें भारत की तो यहां भी इसका चलन काफी बढ़ गया है. हर धर्म के लोग क्रिसमस को सेलिब्रेट करने लगे हैं. क्रिसमस के मौके पर केक काटना, गिफ्ट्स देना, कार्ड देना और क्रिसमस ट्री सजाना आजकल सभी धर्म के लोग करने लगे हैं. जिसे देख कहा जा सकता है कि क्रिसमस का महत्व बहुत ज्यादा हो गया है.

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