Navratri 2021: पटना के इस दुर्गा पंडाल में प्रथमा को नहीं पंचमी को होगी कलश स्थापना, जानें वजह

Priya Gupta, Last updated: Sat, 2nd Oct 2021, 9:48 AM IST
  • पटना का यह एकमात्र ऐसा पूजा पंडाल है,जहां कलश की स्थापना प्रथमा को नहीं बल्कि पंचमी को हाती है.
नवरात्रि में कलश स्थापना का महत्व. फोटो साभार-हिन्दुस्तान

नवरात्रि में शेखपुरा बेली रोड स्थित शेखपुरा दुर्गाश्रम बेली रोड में माता की प्रतीमा का दर्शन करने लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. पटना का यह एकमात्र ऐसा पूजा पंडाल है,जहां कलश की स्थापना प्रथमा को नहीं बल्कि पंचमी को हाती है. बीते 82 सालों में ऐसा केवल दो बार 1992 और 1994 में हुआ जब कलश की स्थापना प्रथमा को शैली के आह्वान के साथ हुआ. तब 1992 में मुर्ती में आग लग गई थी. वहीं 1994 में पंडाल के गेट में आग लग गयी. इसके बाद आयोजकों ने पुरानी परंपरा का ही पालन करते हुए कलश की स्थापना पंचमी को करते हैं.

दुर्गाश्रम, शेखपुरा बेली रोड में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना 1939 से हो रही है. श्री श्री दुर्गा पूजा समिति शेखपुरा दुर्गापूजा हो रही है. पहले यहां माता का पिंड था. नवरात्र के समय यहां मेला लगता था. माता के पिंड की पूजा के लिए यहां दूर-दूर से लोग आते थे. इस जगह के नाम पर ही शेखपुरा मोड़ का नाम कालका मोड़ रखा गया था.अब भी यह मान्यता है कि विसर्जन के लिए कालका मोड़ पर मूर्तियों को पांच मिनट तक के लिए रोका जाता है. फिर मूर्तियों को आगे ले जाया जाता है.

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दुर्गाश्रम बेली रोड अपने प्रयोगिक झांकियों और पंडाल के लिए भी हमेशा चर्चा में रहा है. 2013 में यहां भगवान शंकर की जटा से निकलने वाली मां गंगा को माता दुर्गा द्वारा रोकने की झांकी को श्रद्धालुओं ने खूब पसंद किया था. इसी तरह एक बार वैष्णव माता की गुफा में मौजूद ज्वाला देवी द्वारा नारद जी के पुकार पर राक्षस के वध करने की झांकी भी लोगों को पसंद आयी थी. इसके अलावा विष्णु भगवान द्वारा पहाड़ को चीरते हुए निकलने, शराबबंदी और दशरथ मांझी के पहाड़ काटने की झांकियों की भी पटना और राज्य में खूब चर्चा हुई थी.

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