वाह रे मनमानी! ऑनलाइन क्लास चली नहीं, अब स्कूल मांग रहे पूरी फीस

Smart News Team, Last updated: Tue, 2nd Jun 2020, 9:16 PM IST
  • स्कूल में ऑनलाइन पढ़ाई करवाई नहीं और अब अभिभावकों से शुल्क भी जमा करने को बोल रहे हैं। ऐसे में अब अभिभावक पटना जिला शिक्षा कार्यालय के पास शिकायत कर रहे हैं। अभिभावकों की मानें तो अप्रैल से मई तक स्कूलों ने एक भी दिन ऑनलाइन क्लास नहीं करवाई।
A student while Online class

कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से सभी स्कूल बंद पड़े हैं, मगर ऑनलाइन क्लास के बहाने स्कूल वाले अब मनमानी करने पर आ गए हैं। लॉकडाउन में स्कूल की फीस नहीं लेने पर कई नियम बने। ये नियम बस कागजों तक ही रहे। यह नियम बना कि ऑनलाइन कक्षा लेने वाले स्कूल ही शुल्क लेंगे। लेकिन इस नियम को कई स्कूलों ने नहीं माना। स्कूल में ऑनलाइन पढ़ाई करवाई नहीं और अब अभिभावकों से शुल्क भी जमा करने को बोल रहे हैं। ऐसे में अब अभिभावक पटना जिला शिक्षा कार्यालय के पास शिकायत कर रहे हैं। अभिभावकों की मानें तो अप्रैल से मई तक स्कूलों ने एक भी दिन ऑनलाइन क्लास नहीं करवाई। अप्रैल में तो फीस की डिमांड नहीं किया, पर मई में पूरा फीस जमा करने का दबाव डाल रहे हैं।

दरअसल, पटना जिलाधिकारी के निर्देश पर पटना डीईओ ने सभी निजी विद्यालय को ऑनलाइन क्लास करवाने का निर्देश दिया था। साथ में कहा था कि जो स्कूल ऑनलाइन क्लास करवाएंगे वही ट्यूशन फीस लेंगे। लेकिन अब वो भी स्कूल फीस मांग रहे हैं जो दो महीने तक बच्चों को ऑनलाइन क्लास नहीं करवाया है। इतना ही नहीं ये स्कूल तीन महीने की एडवांस ट्यूशन फीस के साथ साल भर का वार्षिक शुल्क, कंप्यूटर शुल्क, स्मार्ट क्लास शुल्क आदि भी मांग रहे हैं।

15 से 30 हजार तक जमा करने का दबाव

एक-एक बच्चों पर 15 से 30 हजार तक फीस जमा करने का दबाव हैं। ऐसे में अभी इतने पैसे जमा करने में असमर्थ अभिभावक डीईओ से इतना फीस जमा नहीं करने की मजबूरी बता रहे हैं। कई स्कूल तो अभिभावकों से शिक्षकों को वेतन देने के लिए फीस जमा करने का आग्रह कर रहा है। वहीं कई स्कूल अभिभावकों का धमकी तक दे रहा है। कई स्कूलों ने तो समय पर फीस जमा नहीं करने पर विलंब शुल्क लेने का भी मैसेज अभिभावकों को भेजा है।

पटना के डीइओ ज्योति कुमार ने कहा कि निजी स्कूल किसी भी अभिभावक से विलंब शुल्क नहीं ले सकता है। अगर अभिभावक फीस जमा नहीं करते है तो स्कूल किसी तरह का दबाव नहीं डाल सकता है।

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें