पटना: पितृ पक्ष में ऐसे करें श्राद्ध, नहीं पता तिथि तो करें ये खास उपाय

Smart News Team, Last updated: Wed, 2nd Sep 2020, 11:28 AM IST
  • पितृ पक्ष में लोग अपने स्वर्गवासी परिजनों के लिए पूजा-अर्चना आदि करके उनको खुश करते हैं.  श्राद्ध करने की एक निर्धारित विधि और दिशा होती है. जातकों को इन सभी बातों का ध्यान रखना चाहिए.
तर्पण

पटना: आज से पितरों को समर्पित पितृ पक्ष की शुरुआत हो गई है. 15 दिनों तक चलने वाले पितृ पक्ष से जुड़ी कुछ बातें ऐसी हैं जिनके बारे में लोगो के मन में तमाम तरह के सवाल होते हैं. आज हम उन्हीं बातों में से कुछ जरुरी बातों के बारे में जानकारी देंगे.

कई जातक ऐसे होते हैं जिनको उनके पितरों की तिथि के बारे में नही पता होता है मतलब उन्हें नही पता होता कि उनके पूर्वज का देहांत किस तिथि को हुआ था ऐसे में यदि सुहागिन माताओं का देहांत हो गया हो और उनकी तिथि का ज्ञान न हो तो इस अवस्था में नवमी तिथि को उनका श्राद्ध कर देना चाहिए. अकाल मृत्यु अथवा अचानक मृत्यु को प्राप्त हुए पूर्वजों का श्राद्ध  चतुर्दशी तिथि को  करना चाहिए. घर में यदि पितरों की मृत्यु तिथि का ज्ञान न हो तो उस समय अमावस्या के दिन उन सबका श्राद्ध जरुर कर देना चाहिए. श्राद्ध के उपरांत ब्राह्मण को भगवान का स्वरूप मानते हुए पूर्वजों की संतुष्टि के लिए भोजन कराना चाहिए तथा दक्षिणा आदि देकर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए.

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कई जातकों को श्राद्ध की विधि के बारे में नही पता होता है. ज्योतिष आचार्यों के अनुसार जातकों से संभव हो सके तो प्रतिदिन अथवा पितरों की पुण्यतिथि पर पवित्र भाव से दक्षिणाभिमुख होकर यज्ञोपवीत को उल्टा करें दोनों हाथ की अनामिका उंगली में पवित्री धारण करके जल में चावल, जौ, दूध, चंदन, तिल मिलाकर पूर्वजों का विधिवत तर्पण करना चाहिए. इस क्रिया से पूर्वजों को परम शांति मिलती है. तर्पण के बाद पूर्वजों के निमित्त पिंड दान करना चाहिए. पिंडदान के उपरांत गाय, ब्राह्मण, कौआ, चींटी और कुत्ते को भोजन कराना चाहिए. इस क्रिया को हम पंच बलि के नाम से जानते हैं.

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