Ekadashi 2022: शुक्रवार को है षटतिला एकादशी, श्री हरि की पूजा जरूर पढ़ें ये व्रत कथा

Pallawi Kumari, Last updated: Thu, 27th Jan 2022, 5:21 PM IST
  • माघ महीने में कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी कहा जाता है. हर एकादशी की तरह इसमें भी श्री हरि की पूजा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. इस बार षटतिला एकादशी शुक्रवार 28 जनवरी को पड़ रही है. आइये जानते हैं कैसे करें इस दिन पूजा और किस कथा का करें पाठ.
षटतिला एकादशी (फोटो साभार-लाइव हिन्दुस्तान)

हिंदू धर्म में एकादशी का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. एकदाशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. महीने में कुल दो एकादशी तिथि पड़ती है. एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में. माघ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तो षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा अराधना की जाती है. भगवान विष्णु अगर आपकी पूजा से प्रसन्न होते हैं तो उनके आशीर्वाद से आपके जीवन से सभी संकट दूर रहते हैं.

इस बार षटतिला एकादशी का व्रत व पूजन शुक्रवार 28 जनवरी 2022 को किया जाएगा. आइये जानते हैं कैसे करें एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा , जानें इस दिन का खास महत्व और षटतिला एकदाशी की व्रथ कथा.

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षटतिला एकादशी व्रत कथा

षटतिला एकादशी को लेकर एक कथा प्रचलित है कि, एक समय नारद मुनि भगवान विष्णु के धाम बैकुंठ पहुंचे. वहां उन्होंने भगवान विष्णु से षटतिला एकादशी व्रत के महत्व के बारे में पूछा. भगवान विष्णु ने बताया कि, प्राचीन काल में एक ब्राह्मणी थी, वह मेरी परम भक्त थी. एक बार उसने एक महीने तक व्रत रखकर मेरी उपासना की. व्रत के प्रभाव से उसका शरीर शुद्ध हो गया लेकिन उससे एक गलती यह हुई कि उसने कभी किसी ब्राह्मण एवं देवताओं को अन्न का दान दिया. इस कारण पूजा पाठ करने के बाद भी उसे विष्णु लोक में तृप्ति नहीं मिल पाई. तब मैंने सोचा कि यह बैकुंठ में रहकर भी अतृप्त रहेगी इसलिए मैं खुद एक दिन उसके पास भिक्षा मांगने पहुंच गया. 

जब मैंने उससे भिक्षा मांगी तो उसने मुझे साधु के रूप में देख एक मिट्टी का ढेला दिया. मृत्यु के बाद ब्राह्मणी को विष्णुलोक की प्राप्ति हुई. दान में दिए मिट्टी से उसे एक कुटिया मिली. लेकिन खाली कुटिया देख वह दुखी रहने लगी. वह किसी को भी अन्न का दान नहीं करती थी. इसलिए उसे अन्नादि प्राप्त नहीं हुआ. फिर उसने मेरे बताए अनुसार षटतिला एकादशी का व्रत किया और इसके बाद उसकी कुटिया अन्न धन से भर गई. इसलिए षटतिला एकादशी व्रत के दिन दान पुण्य करना चाहिए. इस दिन तिल का दान सबसे उत्तम माना जाता है.

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