पटना में जागरुकता के लिए 10 दिसंबर से नुक्कड़ नाटकों का आयोजन शुरू
- राजधानी में भिक्षावृत्ति का उन्मूलन करने के लिए साल 31 मार्च, 2021 तक 300 नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया जाएगा और इन नुक्कड़ नाटकों में भिक्षुक ही कलाकार होंगे और सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार करेंगे
पटना. लोगों को सरकार की विभिन्न योजनाओं से अवगत करवाने के लिए राजधानी में वीरवार से नुक्कड़ नाटकों का आयोजन शुरू किया जा रहा है. पटना के विभिन्न स्थानों पर 10 दिसंबर से लेकर 31 मार्च 2021 तक लगभग 300 नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किए जाने की योजना है. इन नुक्कड़ नाटकों के आयोजन की सबसे खास बात यह है कि इन नाटकों में भिक्षुक ही कलाकार होंगे और विशेष भूमिका निभाएंगे. इस योजना का उद्देश्य पटना को भिक्षावृति से मुक्त बनाने का प्रयास करना है. नुक्कड़ नाटक के जरिए समाज के लोगों में अलख जगाकर उन्हें जागरूक करना ही इसका उद्देश्य है ताकि राजधानी को भिक्षुओं से मुक्त किया जा सके.
पटना की संस्था ‘प्रयास’ के मिथिलेश सिंह एवं उदय सागर ने इन भिक्षुकों को ‘सक्षम’ के सहयोग से प्रशिक्षित किया जा रहा है. भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग और समाज कल्याण विभाग बिहार की सोसाइटी ‘सक्षम’ की ओर से नुक्कड़ नाटक आयोजन करने की संयुक्त पहल की गई है. इससे पटना को भिक्षावृति मुक्त बनाने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है. भिक्षुकों का ग्रुप राजधानी में विभिन्न स्थानों पर जाकर नुक्कड़ नाटकों का आयोजन करेगा.
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इसके साथ ही इस प्रवृत्ति के लोगों के समूह के बीच जाकर सरकार की ओर से चल रही विभिन्न योजनाओं के बारे में प्रचार-प्रसार करेगा. ग्रुप में भिक्षुक ही कलाकार होंगे और सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में प्रचार-प्रसार करके भिक्षावृति का उन्मूलन करने में योगदान देंगे. इसके साथ ही समाज में मौजूद इस प्रवृति के विचर रहे अन्य लोगों को योजनाओं का लाभ लेकर स्वरोजगार से जुड़ने के लिए प्रेरित करेंगे. इन नुक्कड़ नाटकों के आयोजन का उद्देश्य इस प्रवृत्ति के लोगों आत्मनिर्भर बनाना है.
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