Tulsi Vivah 2021: आज इस मुहूर्त पर करें तुलसी विवाह पूजा, मिलेगा सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद

Pallawi Kumari, Last updated: Mon, 15th Nov 2021, 5:42 AM IST
  • आज 15 नवंबर को पड़ने वाली देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु के स्वरूप शालीग्राम के साथ तुलसी देवी का विवाह किया जाएगा. कहा जाता है कि इस दिन तुलसी पूजा करने से अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है और वैवाहिक जीवन में मधुरती बनी रहती है. आइये जानते हैं तुलसी पूजा विधि और इसका शुभ मुहूर्त.
तुलसी शालीग्राम विवाह पूजा आज.

हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी के दिन तुलसी विवाह का पूजन किया जाता है. इसी दिन देव उठनी एकादशी का व्रत भी किया जाता है, लेकिन इस बार 14 और 15 नवंबर दोनों दिन एकादशी पड़ने के कारण लोग कंफ्यूज हैं कि तुलसी विवाह कब किया जाएगा. बता दें कि इस बार प्रबोधिनी एकादशी दो दिन पड़ रही है. इसलिए धर्मसिंधु नामक ग्रंथ के अनुसार जिस दिन एकदशी तिथि के साथ द्वादशी लग रही हो उस दिन प्रबोधिउत्सव, प्रदोष काल में मनाना चाहिए यानी तुलसी विवाह करना चाहिए. इसलिए आज यानी 15 नवंबर को तुलसी विवाह पूजन किया जाएगा. वहीं बीते दिन देव उठनी का व्रत रखा गया था.

तुलसी विवाह शुभ मुहूर्त

सोमवार, नवम्बर 15, 2021

द्वादशी तिथि प्रारम्भ - नवम्बर 15, 2021 को सुबह 06:29 बजे

द्वादशी तिथि समाप्त - नवम्बर 16, 2021 को सुबह 08:01 बजे

Lunar Eclipse of 2021 : हर साल क्यों लगते हैं ग्रहण, 19 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण क्यों है खास

शुभ मुहूर्त-

ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:58 बजे से 05:51 बजे तक

अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:44 बजे से 12:27 बजे तक

विजय मुहूर्त- दोपहर 01:53 बजे से 02:36 बजे तक

गोधूलि मुहूर्त- शाम 05:17 बजे से 05:41 बजे तक

अमृत काल- रात 01:02 बजे से 02:44 बजे तक

निशिता मुहूर्त- रात 11:39 बजे से 12:33 सुबह तक, नवम्बर 16

तुलसी विवाह पूजा विधि- तुलसी विवाह के लिए सबसे पहले चौकी तैयार करें . इसमेंलाल या पीला कपड़ा बिछा कर तुलसी और शालीग्राम की मूर्ति स्थापित करें. चौकी के चारों और गन्ने का मण्डप सजाएं और कलश स्थापना करें. आगंन या बालकनी में तुलसी के पास रंगोली जरूर बनाएं. पहले कलश और गौरी गणेश का पूजन करें. फिर तुलसी और भगवान शालीग्राम को धूप, दीप, वस्त्र, माला, फूल अर्पित करें. तुलसी माता को श्रृगांर के सामान और लाल चुनरी चढ़ाएं. ऐसा करने से सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है. पूजा के बाद तुलसी मंगलाष्टक का पाठ करें. हाथ में आसन सहित शालीग्राम को लेकर तुलसी के सात फेरे लें. ऐसा करने से कन्यादान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है. अंत में आरती करें.

Dev Deepawali 2021: क्यों मनाई जाती है देव दीपावली, क्या है इसकी पौराणिक कथा और महत्व

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें