Utpanna Ekadashi 2021: 30 नवंबर को है उत्पन्ना एकादशी का व्रत, इस विधि से करें पूजा भगवान विष्णु की पूजा

Pallawi Kumari, Last updated: Sun, 28th Nov 2021, 8:57 AM IST
  • मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहते हैं. सभी एकादशी में इस एकदाशी का व्रत  महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि उतपन्ना एकादशी के दिन एकादशी माता का जन्म हुआ था, इसलिए इसे कन्या एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस बार उत्पन्ना एकादशी का व्रत और पूजन 30 नवंबर को किया जाएगा.
भगवना विष्णु की कृपा पाने के लिए रखें उत्पन्ना एकादशी का व्रत

हर महीने एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. सभी एकादशी को अलग-अलग नाम से जाना जाता है. अगहन, मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार उत्पन्ना एकादशी का व्रत 30 नवंबर 2021 को है. आइये जानते हैं क्यों की जाती है एकादशी व्रत व पूजा और कैसे शुरू हुई उत्पन्ना एकादशी पूजा. साथ ही जानते हैं उत्पन्ना एकादशी की पूजा विधि और महत्व के बारे में.

कैसे हुई एकादशी व्रत की शुरूआत- हर माह पड़ने वाली एकदाशी के दिन व्रत और पूजा की जाती है. कहा जाता है कि, भगवान विष्‍णु और मुर नामक राक्षस के बीच युद्ध चल रहा था. राक्षस के साथ युद्ध करते हुए भगवान विष्णु जब थक गए तो एक गुफा में जाकर आराम करने लगे. राक्षस भगवान का पीछा करते हुए गुफा तक पहुंच गया. लेकिन भगवान निद्रा में लीन थे. 

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भगवान को सोता देख राक्षस ने उसे मारना चाहा, तभी विष्णु भगवान के शरीर से एक देवी प्रकट हुई और इसने राक्षस का वध कर दिया. इस दिन मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष एकादशी का दिन था. भगवान देवी से प्रसन्न हुए और कहा कि आज के दिन ही तुम्हारा जन्म हुआ बै इसलिए तुम्हारा नाम उत्पन्ना एकदाशी होगा. भगवान ने कहा कि प्रत्येक एकादशी को मेरे साथ साथ तुम्हारी भी पूजा होगी.

उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि- इस दिन सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. फिर व्रत का संकल्प लें. विष्ण भगवान की धूप, दीप, नववैद्य आदि सामग्री से विधि विधान से पूजा करें. पूरे दिन व्रत रखें और संध्या में पूजा करने के बाद फलाहार ग्रहण करें.

उत्पन्ना एकादशी तिथि और पूजा मुहूर्त - पंचांग के अनुसार, 30 नवंबर को सुबह 4 बजकर 13 मिनट पर एकादशी शुरू होगी और 1 दिसंबर की रात्रि को 2 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी. इसलिए पूरे दिन उत्पन्ना एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा-उपासना कर सकते हैं.

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