Vat Savitri Vrat 2021: कब है वट सावित्री व्रत? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त व विधि
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हिंदू धर्म में सुहागिनों के लिए करवा चौथ व वट सावित्री दो व्रतों के महत्व को बताया गया है। इस बार वट सावित्री 10 जून को है। हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को सुहागिनें वट सावित्री के व्रत को शुभ मुहूर्त व संपूर्ण पूजा विधि के साथ इसे संपन्न करती हैं। इस व्रत को करने से पति की लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है व दंपत्ति के जीवन में खुशियों की बौछार आती है। जानिए वट सावित्री व्रत 2021 के बारे में सभी जरूरी बातें, वट सावित्री व्रत पूजा विधि, वट सावित्री व्रत का महत्व, वट सावित्री व्रत का शुभ मुहूर्त आदि।
वट सावित्री व्रत का महत्व
वट सावित्री के व्रत के करने से पति की आयु लंबी होती है और शादीशुदा जीवन में खुशहाली आती है। इस दिन वटवृक्ष की पूजा की जाती है क्योंकि इस वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है। इसकी पूजा करने से तीनों का आशीष भक्तों को प्राप्त होता है।
वट सावित्री व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त
व्रत की तारीख- 10 जून 2021, गुरुवार
व्रत प्रारंभ- 9 जून 2021 को दोपहर 01:48 बजे से शुरू
समापन- 10 जून 2021 को शाम 04:58 बजे होगा
व्रत पारण: 11 जून 2021, शुक्रवार
वट सावित्री व्रत पूजा की सामाग्री
वट सावित्री व्रत पूजा के लिए दीप, घी, धूप, 7 फल-फूल, बांस का पंखा, मौली, सिंदूर, कच्चा सूत, सुहाग का सामान, मिठाई, बरगद का फल, पानी का कलश, सावित्रि व सत्यवान प्रतिमा आदि।
कैसे की जाती है वट सावित्री की पूजा- जान लीजिए वट सावित्री पूजा विधि
वट सावित्री के व्रत के दिन श्रृंगार के साथ साथ पूजा विधि का खास महत्व होता है। इस दिन मां सावित्रि और सत्यवानकी पूजा की जाती है। इस दिन वट के पेड़ की पूजा करके मां का आशीर्वाद लिया जाता है। साथ ही कथा भी की जाती है। सुहागिनें वटवृक्ष पर पूजा सामाग्री से पूजा शुरू करें और जल चढ़ाए। साथ ही फूल फल अर्पित करें। दीपक व धूप जलाकर आरती करें और वटवृक्ष पर सूत व मौली जरूर बांधे।
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