महंत बलवीर गिरी का हुआ पट्टाभिषेक, बाघंबरी मठ और बड़े हनुमान मंदिर की महंताई संभालेंगे

Nawab Ali, Last updated: Wed, 6th Oct 2021, 8:00 AM IST
  • अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत के बाद मंगलवार को बाघंबरी मठ और संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के नए महंत के रूप में बलवीर गिरी का पट्टाभिषेक किया गया है. महंत बलवीर गिरी की महंतई रश्म में शामिल होने के लिए देशभर से हजारों की संख्या में साधू-संत प्रयागराज पहुंचे.
चादरपोशी की रश्म के बाद बाघंबरी मठ और बड़े हनुमान मंदिर के महंत बने बलवीर गिरी.

प्रयागराज. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत के बाद मंगलवार को बाघंबरी मठ और संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के नए महंत के रूप में बलवीर गिरी का पट्टाभिषेक जो गया है. महंत बलवीर गिरी की महंतई रस्म में शामिल होने के लिए देशभर से हजारों की संख्या में साधू-संत प्रयागराज पहुंचे. महंत नरेंद्र गिरी की वसीयत के आधार पर निरंजनी आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद के साथ पंचपरमेश्वर समेत कई महामंडलेश्वर ने टीका लगाकर महंत बलवीर गिरी की चादर विधि रस्म को पूरा किया.

सांता समाज ने महंत नरेंद्र गिरी को संतों ने चन्दन का तिलक लगाकर मंत्रोच्चार के बीच चादर ओढ़ाकर सर्व सर्वसम्मति से बलबीर गिरि को महंत बनाया. महंतई रस्म का यह कार्यक्रम वेड विद्यालय में किया गया. अब से महंत बलवीर गिरी बाघंबरी मठ और संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर की गद्दी संभालेंगे. मंगलवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे महंत बलवीर गिरी की विधि के साथ चादरपोशी की रश्म पूरी की गई. आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने सबसे पहले चादर ओढ़ाकर रस्म को पूरा किया. देशभर से झाजरों की तादाद में पहुंचे साधू-संतो ने महंत बलवीर गिरी को आशीर्वाद दिया. 

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चादरपोशी रश्म के दौरान महंत नरेंद्र गिरी को श्रधांजलि दी गई. बाघंबरी मठ सबसे बड़ा मठ माना जाआ है. इस लिए महंत बलवीर गिरी के सामने कई चुनौतियां हैं. महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत का अभी तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है. सीबीआई और कई अन्य जांच टीम मामले की परतें खोलने में जुटी हुई है.

 

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