इलाहाबाद हाईकोर्ट की सुनवाई में बड़ा फैसला, फेंसिडिल कफ सिरप नहीं है ड्रग
- इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी एवं न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ में आदेश देते हुए कहा कि फेंसिडिल कफ सिरप ड्रग की श्रेणी में नहीं आता क्योंकि इसमें ऐसा कोई नशीला पदार्थ इतनी मात्रा में नहीं है जिससे इसे नारकोटिक्स ड्रग की श्रेणी में रखा जा सके.

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि फेंसिडिल कफ सिरप ड्रग की श्रेणी में नहीं आता क्योंकि इसमें ऐसा कोई नशीला पदार्थ इतनी मात्रा में नहीं है जिससे इसे नारकोटिक्स ड्रग की श्रेणी में रखा जा सके. जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फेंसिडिल कफ सिरप पर चल रहे ड्रग मामले केस को रद्द कर दिया.
बता दें कि, फेंसिडिल कफ सिरप ड्रग अब ड्रग की श्रेणी में नहीं आता. नारकोटिक्स ब्यूरो ने फेंसिडिल कफ सिरप की 61 हजार बोतलें जब्त की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी एवं न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने कफ सिरप के वितरक विभोर राणा व बिट्टू कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. कहा इस कफ सिरप में ऐसा कोई नशीला पदार्थ इतनी मात्रा में नहीं है जिससे इसे नारकोटिक्स ड्रग की श्रेणी में रखा जा सके.
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इसके अलावा दोनों वितरकों सहित अन्य लोगों के खिलाफ जौनपुर स्थित स्पेशल नारकोटिक्स कोर्ट में चल रहे मुकदमे की कार्यवाही रद्द कर दी है. मामले के तथ्यों के अनुसार ड्रग्स एंड नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और एसओजी वाराणसी ने जौनपुर में छापा मारकर फेंसिडिल न्यू कफ लिंटस सिरप की 61 हजार बोतलें जब्त की थी.
बाद में जांच अधिकारी ने जौनपुर की विशेष अदालत में याचियों सहित दस लोगों के खिलाफ नारकोटिक्स एंड ड्रग कंट्रोल की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया। याचियों की ओर से कहा गया कि कफ सिरप में ऐसा को पदार्थ नहीं है, जिसके आधार पर इसे ड्रग की श्रेणी का माना जा सके.
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