प्रयागराज माघ मेले का आखिरी स्नान, महाशिवरात्रि पर लाखों लोगों ने लगाई डुबकी

Smart News Team, Last updated: Tue, 1st Mar 2022, 7:03 PM IST
  • संगम नगरी में माघ मेले के आखिरी स्नान पर लगभग 3.40 लाख लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया, जिनमें बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल हैं. महाशिवरात्रि पर्व पर मंगलवार को दोपहर दो बजे तक डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं ने दान किया. वहीं, माघ मेले में प्रशासन ने छह घाटों का भी निर्माण किया.
प्रयागराज माघ मेले का आखिरी स्नान

प्रयागराज: संगम नगरी में माघ मेले के आखिरी स्नान पर लगभग 3.40 लाख लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया, जिनमें बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल हैं. महाशिवरात्रि पर्व पर मंगलवार को दोपहर दो बजे तक डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं ने दान किया. वहीं, माघ मेले में प्रशासन ने छह घाटों का भी निर्माण  किया.

मेला प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि महाशिवरात्रि पर संगम में भोर से ही जनसैलाब का उमड़ना शुरू हो गया. सुबह ब्रह्म मुहुर्त में ही घाट पर स्नान करने वालों की भीड़ लगी रही. साथ ही ये भी कहा कि माघ मेले में आए करीब 3.40 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई. आगे कहा कि दारागंज के नागवासुकी मंदिर और यमुना तट के मनकामेश्वर मंदिर में सुबह से बड़ी संख्या में भक्तों ने अभिषेक आदि किया.

अधिकारी ने बताया कि मेला भी अब धीरे धीरे उठने लगा है, जिसे देखते हुए प्रशासन द्वारा 6 घाटों की व्यवस्था की गई है. साथ ही अधिकारी का कहना है कि इन सब के बाद मेला मैदान में करीब 650 शौचालयों के इंतजाम किए गए हैं. कहा कि जिन जगहों पर शौचालय की व्यवस्था नहीं है. वहां पर नगर निगम के शौचालय लगेंगे.

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इन सब के साथ ही मेला क्षेत्र तीन प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और एक अस्पताल संचालित किए गए हैं, जिससे आवश्यकता पड़ने पर लोगों का उपचार किया जा सके. और पार्किंग के लिए भी पूरे इंतजाम हैं. सभी घाटों पर महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. उनके कपड़े बदले के लिए चेंजिंग रूम और प्रसाधन की सुविधाओं पर फोकस किया गया है.

भगवान विष्णु की होती है पूजा

माघ मास की पूर्णिमा को धर्म ग्रंथों में माघी पूर्णिमा कहा गया है और इस दिन गंगा स्नान कर विष्णु भगवान की पूजा की जाती है. इसे देखते हुए गंगा और संगम के किनारे लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. कल्पवास में रह रहे लोग स्नान के बाद मेला क्षेत्र से अपने घरों के लिए जाना शुरू कर देते हैं. इनके लिए ये पूजा और व्रत का काफी मायने रखता है.

माघी पूर्णिमा की विशेषता

हिंदू पंचाग के अनुसार नए माह की शुरुआत माघी पूर्णिमा से ही होती है इस बार की माघ मास की पूर्णिमा माहाशिवरात्री त्योहार के पावन अवसर पर मंगलवार को पड़ी है. इस पुण्यकारी दिन को स्नान, दान और व्रत भी किया जाता है, जिसका विशेष महत्व माना जाता है. कहा जाता है इस दिन दान- पुण्य करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है. पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है इसलिए हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को बेहद शुभ दिन माना जाता है.

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