SP महिला प्रदेश अध्यक्ष का छात्रों को समर्थन, कहा- सरकार बनी तो बहाल होगा इलाहाबाद वीवी छात्र संघ

Prince Sonker, Last updated: Sat, 9th Oct 2021, 8:15 AM IST
  • इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर अनशन कर रहे छात्रों का समर्थन करने के लिए सपा की महिला प्रदेश अध्यक्ष लीलावती कुशवाहा शुक्रवार को अनशन स्थल पर पहुंची. उन्होंने सरकार बनते ही छात्र संघ बहाल करने का वादा किया.
छात्र संघ बहाली की मांग को लेकर छात्रों को समर्थन देने पहुंची सपा महिला प्रदेश अध्यक्ष लीलावती कुशवाहा

प्रयागराज. सियासत की नर्सरी कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ बहाली की मांग को लेकर पिछले 444 दिनों से अनशन कर रहे छात्रों को समाजवादी पार्टी की महिला प्रदेश अध्यक्ष लीलावती कुशवाहा ने अपना समर्थन दिया. शुक्रवार को अनशन स्थल पर पहुंचकर उन्होंने प्रदेश सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि नौजवानों को लोकतंत्र में चुनाव लड़ने का अधिकार दिया गया है ताकि छात्र लोकतंत्र की रक्षा कर सके. छात्र संघ बहाल न करके भाजपा नौजवानों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है. इसके चलते पिछले 444 दिनों से छात्र धरने में बैठे हैं. फिर भी प्रदेश की भाजपा सरकार इनकी सुध नहीं ले रही है.

उन्होंने वादा किया कि यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही सदन में छात्र संघ बहाली का प्रस्ताव पारित करेंगे. समाजवादी पार्टी हमेशा से ही छात्रों का समर्थन करते आई है और आगे भी करती रहेगी. इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्र संघ पर पिछले डेढ़ साल से पाबंदी लगी हुई है. नाराज छात्र पिछले एक साल से लगातार अनशन पर बैठे हुए हैं. लेकिन छात्र संघ बहाली की मांग पर अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया है. पिछले वर्ष इस क्रमिक अनशन की शुरुआत समाजवादी छात्र सभा से जुड़े छात्र नेता अजय यादव सम्राट ने की थी. समाजवादी छात्र सभा के इस पूर्णकालिक अनशन को एबीवीपी को छोड़कर कई राजनीतिक पार्टी और सभी छात्र संगठनों का समर्थन भी मिलने लगा है.

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इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में 2005 से 2012 तक छात्र संघ चुनाव पर रोक लगी रही. इसके बाद 2012 से 2018 तक छात्र संघ चुनाव लगातार होते रहे. 2018 में छात्र संघ चुनाव के बाद 2019 में छात्र संघ को भंग कर छात्र परिषद का गठन किया गया. प्रशासन ने छात्र परिषद चुनाव की तिथि घोषित कर चुनाव भी करवाने की प्रक्रिया शुरू की लेकिन छात्रों ने एकजुटता दिखाते हुए नामांकन पर्चा दाखिल नहीं किया. लिहाजा परिषद के गठन के लिए उम्मीदवार न मिलने से छात्र परिषद शून्य हो गया.

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