1954 में हुई थी अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की स्थापना, ये 14 अखाड़े शामिल, सैंकड़ो साल पुराना है इतिहास

Nawab Ali, Last updated: Tue, 21st Sep 2021, 12:43 AM IST
  • महंत ज्ञान दास को साल 2015 में हटाकर महंत नरेंद्र गिरी को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष बनाया गया. कुंभ मेले के दौरान सन्यासियों में खूनी संघर्ष होता था जिसके बाद 1954 में अखाड़ा परिषद की स्थापना की गई थी. सन्यासियों के आपसी अत्क्राव को रोकने के लिए अखाड़ा परिषद की स्थापना की गई थी.
फाइल फोटो

प्रयागराज. अखिल भारतीय अखाडा परिषद के आध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध हालत में मौत हो गई है. महंत नरेंद गिरी का शव अल्लाहपुर में बाघम्बरी गद्दी मठ के कमरे में फंदे से लटका मिला जिसके बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. पुलिस ने मौके पर पहुंच महंत नरेंद्र गिरी का शव फंदे से उतारा और फोरेंसिक टीम को घटना पर बुलाकर जांच की गई. महंत नरेंद्र गिरी के कमरे से कथित सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. जिसमें उन्होंने अपने शिष्यों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.

साल 1954 में सभी अखाड़ों ने मिलकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की स्थापना की थी. हर बार कुंभ मेले के दौरान सन्यासियों में खूनी संघर्ष होता था जिसके बाद अखाड़ा परिषद की स्थापना की गई. भारतीय अखिल अखाड़ा परिषद में 13 अखाड़ों को शामिल किया. 1954 में स्थपित इस अखाड़े को भारत सरकार ने भी मान्यता दी. हर बार कुंभ मेले के दौरान अखिल भारतीय अखाड़ा ही बाकि अन्य अखाड़ों के लिए स्नान का क्रम तय करता है.

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अखाड़ों के इतिहास की बात की जाए तो अखाड़ों के शास्त्रों अनुसार सन्‌ 660 में सर्वप्रथम आवाह्‍न अखाड़ा, सन्‌ 760 में अटल अखाड़ा, सन्‌ 862 में महानिर्वाणी अखाड़ा, सन्‌ 969 में आनंद अखाड़ा, सन्‌ 1017 में निरंजनी अखाड़ा और अंत में सन्‌ 1259 में जूना अखाड़े की स्थापना का उल्लेख मिलता है.

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इन 14 अखाड़ों को किया गया था शामिल

साल 1954 में आपसी टकराव को रोकने के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की स्थापना की गई जिसमें 14 अखाड़ों को शामिल किया गया. अटल अखाड़ा, अवाहन अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा, पंचाग्नि अखाड़ा, महानिर्वाण अखाड़ा, आनंद अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, बड़ा उदासीन पंचायती अखाड़ा, नया उदासीन अखाड़ा, निर्मल अखाड़ा, वैष्णव अखाड़ा, नागपंथी गोरखनाथ अखाड़ा, जूना अखाड़ा और किन्नर अखाड़ा को इसी साल शामिल किया गया.

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महंत नरेंद्र गिरी

महंत ज्ञान दास को साल 2015 में हटाकर महंत नरेंद्र गिरी को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष बनाया गया. महंत ज्ञान दास के ऊपर 12 से ज्यादा अपराधिक मामले दर्ज थे जिनमें हत्या, लूट डकेती भी शामिल है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष बनने के बाद महंत नरेंद्र गिरी की अध्यक्षता में साल 2019 में प्रयागराज कुंभ आयोजन किया गया. हरिद्वार में आयोजित कुंभ 2021 में कोरोना से संक्रमित होने के कारण शाही स्नान नहीं कर पाए थे.

 

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