Sant Ravidas Jayanti: संत रविदास जयंति 16 फरवरी को, दोहे और कहावतों में है कठौती में गंगा

MRITYUNJAY CHAUDHARY, Last updated: Tue, 15th Feb 2022, 11:01 PM IST
  • संत रविदास जयंती बुधवार यानी 16 फरवरी है. संत रविदास ने ईश्वर, समान जीवन, गुरु को लेकर कई दोहे और कहावते लिखी है. इन दोहे और कहावतों में कठौती में गंगा समाई हुई है.
Sant Ravidas Jayanti: संत रविदास जयंति 16 फरवरी को, दोहे और कहावतों में है कठौती में गंगा

संत रविदास जयंती माघी पूर्णिमा के 16 फरवरी को है. संत रविदास का जन्म वर्ण व्यवस्था के अनुसार निम्न जाति में हुआ था. वहीं रविदास जी ने दोहे के जरिए बताया है कि मनुष्य जाति से नहीं बल्कि कर्म से ऊंची जाति का होता है. संत रविदास ने इसी बात को अपने जीवन में दर्शाया है. इसी के चलते आज सभी धर्म के लोग संत रविदास का आदर और सम्मान करते है. संत रविदास के इसी व्यक्तिगत के चलते बड़े-बड़े साधु-संत, महात्मा यहां तक की राजा महाराजा तक उनकी विद्वता से प्रभावित थे. 

संत रविदास ने दोहे के जरिए आम जीवन को सरल बनाने और लोगों के प्रति भावना के बारे में बखूबी बताया है. संत रविदास ने एक दोहा लिखा था ब्राह्मण मत पूजिए जो होवे गुणहीन, पूजिए चरण चांडाल के जो होने गुण प्रवीन. इस दोहे संत रविदास जी कहते है कि किसी को सिर्फ इसकी नहीं पूजन चाहिए कि वह पूजनीय है. अगर व्यक्ति में उस पद के योग्य गुण नहीं है तो उसे नहीं पूजना चाहिए. वहीं अगर व्यक्ति गुणवान है और निम्न पड़ पर है तो उसका पूजन अवश्य करना चाहिए. 

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इसी तरह संत रविदास ने मन की पवित्रता को लेकर दोहा लिखा है. मन ही पूजा मन ही धूप, मन ही सेऊँ सहज स्वरूप. इस दोहे में रविदास जी कहते है कि निर्मल मन मे ही भगवान निवास करते है. अगर आपके मन मे किसी के प्रति कोई लालच, द्वेष, बैर नहीं है तो आपका मन ही भगवान का मंदिर है. ऐसे पवित्र विचार वाले मन में प्रभु सदैव निवास करते है.

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