छत्तीसगढ: बजट के बीच रायपुर में बड़ा आंदोलन, कई संगठन करेंगे पैदल मार्च

Pratima Singh, Last updated: Tue, 8th Mar 2022, 10:53 PM IST
  •  राज्य में 11 मार्च को बड़ा आंदोलन शुरू होने वाला है. शुक्रवार को प्रदेश के 20 से ज्यादा सामाजिक संगठन (social organization) छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन करेंगे, जिसमें वह अपनी आठ सुत्रीय मांगो को लेकर रायपुर में मार्च करने वाले है. राजधानी में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन होगा, जो इन संगठनों द्वारा विधानसभा तक पैदल किया जाएगा.
बजट के बीच रायपुर में बड़ा आंदोलन, कई संगठन करेंगे पैदल मार्च

रायपुर: छत्तीसगढ़ का बजट 9 मार्च बुधवार को पेश होगा. इस बीच राज्य में 11 मार्च को बड़ा आंदोलन शुरू होने वाला है. शुक्रवार को प्रदेश के 20 से ज्यादा सामाजिक संगठन (social organization) छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन करेंगे, जिसमें वह अपनी आठ सुत्रीय मांगो को लेकर रायपुर में मार्च करने वाले है. राजधानी में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन होगा, जो इन संगठनों द्वारा विधानसभा तक पैदल किया जाएगा.

आगामी तारीख में चलाए जाने वाले इस मार्च से जुड़े ऑर्गनाइजेशन के कई नेताओं ने बयान जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि राज्य का निर्माण हुए दो दशक बीत चुके हैं, फिर भी छत्तीसगढ़ के मेहनती आदिवासी और किसान के साथ- साथ मजदूर, कर्मचारी वर्ग को अपने अधिकारों के लिए आज भी काफी संघर्षों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि 15 सालों में रमन सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते यहां की जनता ने भारी बहुमत के साथ कांग्रेस सरकार को जीत दिलाई. लेकिन ये सरकार भी पिछले 3 सालों से जनता की परेशानियों को अनदेखी कर रही है.

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इस अभियान की तरफ से कहा गया कि ये सरकार भी पूर्व की सरकार को ही फॉलो कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने जनघोषणा पत्र में वादा किया था कि बस्तर में शांति की स्थापना के लिए भरसक पूरे प्रयास किए जाएंगे. लेकिन आज तक सरकार द्वारा ऐसी कोई भी कोशिश नहीं की गई बल्कि बीजेपी शासन की तरह ही माओवादियों की समस्या के नाम पर पूरे बस्तर में सैन्यीकरण को तेज किया गया. उन्होंने बताया कि इस समय भी शहर में आदिवासियों की फर्जी मुठभेड़ के माध्यम से हत्या और फर्जी मामलों गिरफ्तारी की जा रही है.

वहीं, छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला का कहना है कि राज्य का करीब 60 फीसदी एरिया पांचवी अनुसूची में है. आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए सरकार ने कुछ भी नहीं किया. इसके साथ ही उन्होंने किसान आत्महत्याओं पर बात करते हुए कहा कि इस मामले में छत्तीसगढ़ राज्य देश में पांचवे स्थान पर आता है. इसके साथ ही उन्होंने बेरोजगारी, बिजली समेत कई समस्याओं को गिनवाते हुए अपनी बात रखी.

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