UP में तानाशाहों की पार्टी का शासन, सपा-BSP ने कर लिया BJP से समझौता: भूपेश बघेल

Swati Gautam, Last updated: Wed, 1st Dec 2021, 5:03 PM IST
  • छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बयान देते हुए कहा कि भाजपा के शासन में उत्तर प्रदेश के लोग डर के साये में जी रहे हैं, क्योंकि यह तानाशाहों की पार्टी है जहां असहमति की आवाज दबा दी जाती है. दावा कहा कि भाजपा ने कोई भी चुनावी वादा पूरा नहीं किया है, इसके बजाय वह मजहबी टिप्पणियों के माध्यम से लोगों का ध्यान बंटाने की कोशिश कर रही है.
भूपेश बघेल ने कहा, UP में तानाशाहों की पार्टी का शासन, सपा और BSP ने कर लिया BJP से समझौता. फाइल फोटो

छत्तीसगढ़. अगले साल के उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसे पहले आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया है. बुधवार को भूपेश बघेल ने बयान देते हुए कहा कि भाजपा के शासन में उत्तर प्रदेश के लोग डर के साये में जी रहे हैं, क्योंकि यह तानाशाहों की पार्टी है जहां असहमति की आवाज दबा दी जाती है.

बघेल ने दावा करते हुए कहा कि भाजपा ने कोई भी चुनावी वादा पूरा नहीं किया है, इसके बजाय वह मजहबी टिप्पणियों के माध्यम से लोगों का ध्यान बंटाने की कोशिश कर रही है. सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लोग भाजपा के शासन में डर के साये में जी रहे हैं. अगर एक पंक्ति में मैं अपने विचार व्यक्त करूं तो उत्तर प्रदेश में तानाशाहों की पार्टी शासन कर रही है जहां असहमति व्यक्त करने वालों को दंडित किया जाता है.

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कहा, सपा- बसपा ने भाजपा के पक्ष में किया समझौता

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने पीटीआई-भाषा के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि कांग्रेस एकमात्र पार्टी है जो उत्तर प्रदेश में भाजपा शासन के खिलाफ लड़ रही है. ऐसा लग रहा है कि दो अन्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी ने भाजपा के पक्ष में समझौता कर लिया है.

कृषि कानूनों को बताया राजनीतिक कदम

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का केंद्र सरकार का फैसला एक राजनीतिक कदम है और किसानों का नरेंद्र मोदी सरकार पर से भरोसा खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह साफ है कि नरेंद्र मोदी सरकार पर से किसानों का भरोसा खत्म हो गया है. अब वे भाजपा पर बिल्कुल भरोसा नहीं करते. राजनीतिक नुकसान स्थायी है. कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला भाजपा को किसान हितैषी पार्टी नहीं बना सकता.

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