कवर्धा झंडा विवाद में जेल से छूटे 18 हिंदू एक्टिविस्ट, भगवा स्वागत में माला, टीका, पुष्पवर्षा

Ankul Kaushik, Last updated: Thu, 21st Oct 2021, 9:11 PM IST
  • छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में दो संप्रदायों के बीच झंडा हटाने के लेकर हुए विवाद में गिरफ्तार हुए आरोपियों में से 18 लोगों को जमानत पर जेल से रिहा किया गया है. रिहाई के बाद बजरंग दल ने इन लोगों का माला पहनाकर और टीका लगा कर स्वागत भी किया है.
कवर्धा हिंसा के 18 आरोपी जमानत पर हुए रिहा

रायपुर. कवर्धा में झंडा हटाने को लेकर हुए विवाद में गिरफ्तार हुए आरोपियों में से 18 लोगों को केंद्रीय जेल दुर्ग से जमानत पर रिहा किया गया है. जमानत पर रिहा हुए इन आरोपियों का कवर्धा और दुर्ग शहर के भाजपाई व हिंदू संगठनों ने माला पहनाकर व पुष्प वर्षा करके स्वागत किया है. वहीं जेल के बाहर हिंदू कार्यकर्ता जय श्रीराम के नारे लगते रहे, इसके साथ जेल के बाहर इन लोगों के स्वागत के लिए उनके परिजन, भाजपा और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पहुंचे. कवर्धा हिंसा में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बुधवार को 18 आरोपियों की याचिका पर सुनवाई की और उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में पुलिस प्रशासन को फटकार भी लगाई है. क्योंकि कोर्ट ने जिन लोगों को जमानत पर रिहा किया है उनके खिलाफ गिरफ्तारी के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी.

इस मामले की सुनवाई करते समय कोर्ट में बताया गया कि इन लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी के बाद एफआईएर दर्ज हुई थी इसलिए जमानत इसी आधार पर दी गई है. क्योंकि पुलिस ने तीन अक्टूबर को इन लोगों को हिरासत में लिया था और उनके खिलाफ 4 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की गई. जमानत पर रिहा होने वालों 18 लोगों में आयुष शर्मा, ऋषभ चौरसिया, बसंत ध्रुव, नवदीप चंद्रवंशी, दीनू झारिया, आकाश तिवारी, तोरण दिवाकर, विष्णु कौशिक, सागर नामदेव, अंशु ठाकुर, मोटी उर्फ भास्कर, उज्ज्वल पांडे, तुकाराम, गजेंद्र झारिया, शूरवीर देवार, अमीर देवार, गोलू और रिंकू देवार शामिल हैं.

कवर्धा दंगा मामलाः पूर्व CM रमन सिंह के बेटे अभिषेक और भाजपा सांसद संतोष पांडेय पर केस दर्ज

बता दें तीन अक्टूबर कि कवर्धा के लोहारा नाका चौक पर दो संप्रदायों के लोगों में एक झंडे को लेकर विवाद हुआ था. यह विवाद हिंसा में बदल गया था और इस मामले में पुलिस ने कुल 108 लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने 5 अक्टूबर को हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए एक रैली निकाली थी.

अन्य खबरें