CMIE ने जारी की सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों की लिस्ट, चौथे स्थान पर छत्तीसगढ़

Shubham Bajpai, Last updated: Thu, 6th Jan 2022, 2:22 PM IST
सीएमआईआई ने हाल में ही भारत में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों की लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में छत्तीसगढ़ चौथे स्थान पर है. लिस्ट में सबसे कम बेरोजगारी कर्नाटक में है और राजस्थान में सबसे अधिक बेरोजगारी है.
CMIE ने जारी की सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों की लिस्ट, चौथे स्थान पर छत्तीसगढ़

रायपुर (वार्ता).  छत्तीसगढ़ में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी संगठन(सीएमआईई) ने देश में बेरोजगारी के आंकड़ों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. जिसमें राज्य में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों की सूची है. इस लिस्ट में छत्तीसगढ़ 4 स्थान पर है. राज्य में बेरोजगारी दर 2.1 है. वहीं, देश में सबसे कम बेरोजगारी दर कर्नाटक है. वहां बेरोजगारी दर 1.4 फीसदी है.

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सीएमआईई द्वारा दिसम्बर 21 की स्थिति के अध्ययन के बाद जारी आंकड़ों के अनुसार देश में सबसे कम बेरोजगारी दर कर्नाटक में 1.4 प्रतिशत और सर्वाधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में 34.1 प्रतिशत बताई गई है.आंकड़ों के मुताबिक गुजरात 1.6 प्रतिशत के साथ कम बेरोजगारी वाला दूसरा राज्य है,जबकि पड़ोसी ओड़िशा 1.6 प्रतिशत के साथ तीसरे क्रम पर एवं मध्यप्रदेश 3.4 प्रतिशत के साथ 07 वें क्रम पर है. उत्तरप्रदेश में 4.9 प्रतिशत की बेराजगारी दर है. असम 5.8 प्रतिशत के साथ 12 वें क्रम पर है. राजस्थान में 27.1 प्रतिशत, झारखंड में 17.3 और बिहार में 16 प्रतिशत बेरोजगारी की दर रही है.

रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल जनवरी 2021 की स्थिति में देश में बेरोजगारी दर 6.52 फीसदी थी जिसमें शहरी बेरोजगारी 8.9 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 5.81 प्रतिशत थी, वहीं दिसंबर 2021 की स्थिति में देश में बेरोजगारी की दर 7.7 प्रतिशत रही जिसमें शहरी बेरोजगारी 9.1 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 7.1 प्रतिशत रही.

कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी देशव्यापी आर्थिक मंदी से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था अछूती रही.तब भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित रही. अब नये आंकड़ों के मुताबिक जहां देश में बेरोजगारी दर में लगातार चिंताजनक उछाल है, वहीं छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर केवल 2.1 प्रतिशत है.

ज्ञातव्य हैं कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी संगठन 45 वर्षों से भारतीय अर्थव्यवस्था विदेशी मुद्रा, कृषि, उद्योग आदि क्षेत्रों में सतत अध्ययन करके डेटाबेस का निर्माण करता आया है और इसके द्वारा जारी आंकड़ों को प्रामाणिक माना जाता है.

 

 

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