रिकॉर्ड में मरा व्यक्ति खुद को जिंदा साबित करने पहुंचा पुलिस स्टेशन, कहा- मैं जिंदा हूं मरा नहीं

Shubham Bajpai, Last updated: Thu, 28th Oct 2021, 6:43 PM IST
  • छत्तीसगढ़ के कोरबा में सरकारी रिकॉर्ड में मरा व्यक्ति खुद को जिंदा साबित करने चौकी पहुंचा, एक मामले में नामजद इस व्यक्ति को पुलिस जब चौकी लाई तो मामला सामने आया. चौकी पहुंचे व्यक्ति ने कहा कि साहब मैं जिंदा हूं मरा नहीं. पुलिस के पास एक मामले में पेशी के दौरान व्यक्ति आया था.
रिकॉर्ड में मरा व्यक्ति खुद को जिंदा साबित करने पहुंचा चौकी, बोला मैं जिंदा (लाइव हिंदुस्तान)

रायपुर. छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया. यहां चौकी पहुंचे एक शख्स को देख चौकी में मौजूद सभी पुलिसकर्मी हैरान रह गए. राजेश बेलदार नाम का इस व्यक्ति को सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया है. वहीं, एक मामले में कोर्ट में पेशी के लिए समन पहुंचने पर व्यक्ति को सरकारी रिकॉर्ड में मरने की जानकारी हुई. जिसके बाद समन के आधार पर चौकी पहुंचे राजेश ने पुलिस को बताया कि साहब मैं जिंदा हूं मरा नहीं.

बता दें कि काफी पुराने के एक मामले में राजेश बेलदार नामजद है. पेशी में काफी समय से न पहुंचने पर पुलिस ने उनको तलब किया था, जिसके बाद वो चौकी पहुंचे थे.

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जिंदा होने की जानकारी के बाद कोर्ट में किया पेश

सीएसईबी पुलिस चौकी प्रभारी आशीष सिंह ने बताया कि एक मामले में राजेश नामजद था. पेशी पर नहीं जाने के कारण पुलिस ने उसको ढूंढ़ना शुरू किया. जिसको कोर्ट में मृत बता दिया गया था. इस दौरान उसके जिंदा होने की जानकारी हुई. पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद उसे कोर्ट में पेश कर दिया.

बेटे की मौत के बाद नहीं गया पेशी में

राजेश ने बताया कि जिस मामले में उसे नामजद किया गया है उसकी वो 4 साल की सजा काट चुका है, लेकिन दूसरे पक्ष ने इसके फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी थी. जिसके बाद से वो लगातार मामले की पेशी में जा रहा था. इसी बीच बेटे की मौत के बाद काफी परेशान होने की वजह से पेशी में नहीं जा सका. जिसके बाद पता नहीं वकील ने उसे जिंदा होने के बाद मृत क्यों बताया.

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2010 के मामले में नामजद है राजेश

राजेश ने बताया कि 2010 में गांव के व्यक्ति गौरांग पाल से मारपीट हो गई थी. नशे में होने के चलते गौरांग मारपीट करने लगा. घटना के बाद गौरांग की मौत हो गई थी. जिसको लेकर पुलिस ने मामला दर्ज किया था. इस मामले में मेरे साथ मेरी पत्नी और बहन को भी आरोपी बनाया गया था. इस मामले में 4 साल की सजा काट चुका हूं और कोर्ट बरी भी कर चुकी है. जिसके बाद दूसरे पक्ष में हाईकोर्ट में याचिका दायर की. जिसकी पेशी को लेकर ये विवाद हुआ.

 

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