वैलेंटाइन डे: प्रेम विवाह में आ रही रुकावट, तो रायपुर के इस मंदिर जाएं, होकर रहेगी शादी

Somya Sri, Last updated: Mon, 14th Feb 2022, 11:19 AM IST
  • छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक ऐसा मंदिर है जहां 28 हजार से ज्यादा प्रेमी जोड़ों ने शादी की है. प्रेम विवाह के खिलाफ परिवार वाले भले ही गुंडों के साथ इस मंदिर पहुंचते हैं. पर यहां किसी भी प्रेमी जोड़े की शादी नहीं रुकती है. इस मंदिर में पहुंचने के बाद प्रेमी जोड़ों की शादी होना तय है. यह मंदिर रायपुर के बैजनाथ पारा स्थित आर्य समाज मंदिर है.
रायपुर के इस मंदिर में लव मैरिज होना तय है (प्रतीकात्मक फोटो)

14 फरवरी यानी वैलेंटाइन डे. ये दिन प्यार करने वालों के लिए बेहद खास होता है. लोग इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं और फेस्टिवल की तरह इसे सेलिब्रेट करते हैं. खासकर न्यूलीमैरिड कपल और युवा कपल्स के लिए आज का दिन स्पेशल होता है. हालांकि कई ऐसे कपल्स हैं जो अपने रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहते हैं पर परिवार वालों की असहमति के कारण वो ऐसा नहीं कर पाते हैं. लेकिन इन कपल्स के लिए एक बहुत ही अच्छी न्यूज है. प्रेमी जोड़े छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर आ सकते हैं. यहां एक ऐसा मंदिर जहां आने के बाद आपका लव मैरिज होना तय है. चाहे आपके लव मैरिज में किसी भी प्रकार की रुकावट हो. इस मंदिर में आकर सब समाप्त हो जाता है और प्रेम विवाह हो जाता है. यह मंदिर है रायपुर के बैजनाथ पारा स्थित आर्य समाज मंदिर.

28 हजार से ज्यादा हुई लव मैरिज

मंदिर के प्रधान महतो ने बताया, "यहां पिछले दो सालों में कोविड के दौरान ऐसा हुआ कि कई दिनों तक आचार्यों ने एक भी विवाह संपन्न नहीं करवाया, ऐसा 100 सालों के इतिहास में पहली बार हुआ था. सामान्य दिनों में हर साल 2 हजार से अधिक जोड़ों की यहां शादी होती है. कोविड से पहले साल 2019 में 2131, 2021 में 1762 और 2020 में 1532 जोड़ों की शादियां यहां संपन्न हुईं." वही अंग्रेजों के जमाने से अब तक इस मंदिर में 28 हजार से ज्यादा प्रेम विवाह हो चुके हैं.

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लाला लाजपत राय ने बनवाया था मंदिर

मंदिर के प्रधान लक्ष्मी नारायण महतो ने बताया, "भारत के स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय 1907 में रायपुर आए थे. तब आर्य समाज मंदिर की स्थापना हुई थी. रायपुर को उस समय सीपी (सेंट्रल प्रोविंस) बरार, कहा जाता था. शहर के लाल बैजनाथ ने इस इलाके में मंदिर बनाने में सहयोग किया, अब इस इलाके को बैजनाथ पारा के नाम से जाना जाता है."

उन्होंने आगे कहा, "तब के MP के पहले CM पं रविशंकर शुक्ल भी आर्य समाज के इस मंदिर से जुड़े थे. इस मंदिर की शुरुआत करने वाले राय भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे. इन्हें पंजाब केसरी भी कहा जाता है। इन्होंने पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी की स्थापना भी की थी. ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे."

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परिवार वाले लेकर आते हैं गुंडे, फिर भी होती है लव मैरिज

आर्य समाज मंदिर के पदाधिकारियों ने बताया, "यहां प्रेमी जोड़े कई बार घरवालों को बिना बताए शादी करने पहुंचते हैं. मगर भनक लगने पर यहां घर वाले भी अपने रिश्तेदार और कुछ गुंडों को लेकर पहुंच जाते हैं, कई बार धक्का-मुक्की झूमाझटकी के हालात पैदा होते हैं. हाल ही में एक दूल्हे को उसका भाई मंडप से उठाकर ले जा रहा था, समाज के पदाधिकारियों ने उसे रोका, पुलिस बुलवाई गई. पुलिस के पहरे के बीच जोड़े की शादी करवाई गई."

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