रायपुर : दवा कारोबारी ने काटा गर्दन, सुसाइड से पहले 36 पेजों में बताया ये वजह

Mithilesh Kumar Patel, Last updated: Tue, 7th Dec 2021, 9:57 AM IST
  • छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में तंग आकर दवा कारोबारी ने खुद का गला धारदार हथियार से काट लिया है. सुसाइड से पहले कारोबारी ने एक रजिस्टर के 36 पेजों में अपनी परेशानी का जिक्र किया है.
प्रतीकात्मक फोटो

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सूदखोरी से तंग आकर आए दिन सुसाइड करने का मामला का तेजी से बढ़ रहा है. राजधानी के गंज थाना क्षेत्र के नहरपारा निवासी  एक दवा कारोबारी ने भी इससे प्रताड़ित होकर खुद का गर्दन धारदार हथियार से काट लिया.  सुसाइडल कदम उठाने के बाद कारोबारी के परिजनों ने अफरातफरी में उसे आंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराकर पुलिस को सूचना दे दी है. पुलिस ने बताया है कि कारोबारी का नाम कमल गोयल है. इस मामले पर गंज थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे ने कहा है कि कमल गोयल मेडिकल से जुड़ा कारोबार करते है.

अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए कमल गोयल ने 10 से 12 साल पहले सूदखोरों से कर्ज लिया था. दवा कारोबारी द्वारा समय पर कर्ज वापस न लौटा पाने के कारण सूदखोर उन्हें लगातार परेशान कर रहे थे. बेइज्जती के डर से कारोबारी ने धारदार हथियार से खुद का गर्दन काटकर सुसाइड करने की कोशिश की. पुलिस के मुताबिक फिलहाल कारोबारी की हालत अभी स्थिर है. कारोबारी के होश में आने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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बता दें कि गंज पुलिस को कमल गोयल के पास एक रजिस्टर मिली है. दवा कारोबारी ने उस रजिस्टर के 36 पेजों में अपनी परेशानी का जिक्र किया है. कमल गोयल ने अपनी सुसाइड नोट में सूदखोरों को जिम्मेदार बताया है. साथ ही ये बात भी सामने आई है कि दवा कारोबारी ने अपना कारोबार बढ़ाने के लिए सूदखोरों से ब्याज मिलाकर करीब 1 करोड़ से अधिक का कर्ज लिया है. सुसाइड नोट में उन्होंने मनीष वाधवानी, नरेश कृपलानी, प्रतीक आहूजा का नाम लिखा है. इसके आलावा बैंक और चोलामंडलम से लिए कर्ज का भी जिक्र किया है. पुलिस ने सुसाइड नोट जब्त कर कहा है कि इसमें जिन लोगों का नाम सामने आया है, उनसे पूछताछ की जाएगी. गंज थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे ने बताया कि सुसाइड नोट की बारीकी से जांच की जाएगी. कारोबारी अभी घायल है. उनका विस्तृत बयान नहीं हो पाया है. उनका बयान होने के बाद सुसाइड नोट से जुड़े लोगों से पूछताछ होगी. मामले में किसी भी प्रकार की संलिप्तता पाई जाएगी, तो एफआईआर किया जाएगा. बताया जा रहा है कि राजधानी रायपुर में सूदखोरी का गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है. इसे रोकने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. सूदखोर लोगों को कर्ज देकर उनसे 10 से 20 फीसदी तक ब्याज वसूल रहे हैं और इसी वसूली से तंग आकर रायपुर में सुसाइड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

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