MP से कालीचरण महाराज गिरफ्तार, धर्म संसद में महात्मा गांधी पर की थी विवादित टिप्पणी

Somya Sri, Last updated: Thu, 30th Dec 2021, 10:39 AM IST
  • राजधानी रायपुर में आयोजित धर्म संसद में महात्मा गांधी पर विवादित टिप्पणी करने के मामले में रायपुर पुलिस ने कालीचरण महाराज को मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल महाराज को मध्य प्रदेश से रायपुर लेकर ला जा रहा है.
MP से कालीचरण महाराज गिरफ्तार, धर्म संसद में महात्मा गांधी पर की थी विवादित टिप्पणी (फाइल फोटो)

रायपुर: रायपुर पुलिस ने कालीचरण महाराज को मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया है. महाराज ने 26 दिसंबर को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित धर्म संसद में महात्मा गांधी पर विवादित टिप्पणी की थी. जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश के खजुराहो से 25 किलोमीटर दूर बागेश्वर धाम के पास किराए मकान से कालीचरण महाराज को रायपुर पुलिस ने आज सुबह 4 बजे गिरफ्तार किया है. फिलहाल रायपुर पुलिस की टीम कालीचरण महाराज को गिरफ्तार कर मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ लेकर आ रही है. रायपुर जिले के पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि कालीचरण महाराज को शाम तक सड़क मार्ग से रायपुर लाया जाएगा.

क्या है मामला?

दरअसल, हाल ही में रायपुर में रावणभाठा मैदान में दो दिवसीय धर्म संसद का आयोजन हुआ था. इस आयोजन के अंतिम दिन कालीचरण ने अपने भाषण के दौरान राष्ट्रपिता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा की थी. उन्होंने स्टेज पर महात्मा गांधी को लेकर कई अपशब्द कहे. उन्होंने देश के बंटवारे के लिए बापू को जिम्मेदार ठहराया और नाथूराम गोडसे को नमन करने लगे.जिसके बाद रायपुर जिले की पुलिस ने कालीचरण के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) (विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या द्वेष पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) तथा 294 (अश्लील कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया है.

रायपुर में जमीन छुड़ाने को भूखे-प्यासे बच्चों की अनोखी हड़ताल, बोले- माफिया अंकल..

वहीं केस दर्ज होने के बाद भी कालीचरण महाराज ने अपने बयानों को लेकर माफी नहीं मांगी थी जबकि उन्होंने वीडियो जारी कर कहा था उन्हें कोई पश्चाताप नहीं है. वीडियो में उन्होंने कहा था कि गांधी के बारे में अपशब्द बोलने के लिए मेरे खिलाफ प्राथमिकी हुई है. मुझे उसका कोई पश्चाताप नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं गांधी को राष्ट्रपिता नहीं मानता हूं. यदि सच बोलने की सजा मृत्यु है तो वह स्वीकार है.

अन्य खबरें